पहले से ही मंदी की मार झेल रहे रियल एस्टेट और कंस्ट्रक्शन सेक्टर की कोरोना ने बिल्कुल कमर तोड़कर रख दी है. इस सेक्टर को अब बजट से ही कुछ संजीवनी मिलने की आस है. आम जनता से लेकर इंडस्ट्री चैम्बर तक इस बार यह मांग कर रहे हैं कि होम लोन पर मिलने वाले टैक्स छूट के दायरे को और बढ़ाया जाए. कहा जा रहा है कि इससे रियल एस्टेट सेक्टर की मांग में तेजी आएगी.
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जानकारों का कहना है कि होम लोन ब्याज पर राहत बढ़ाकर कम से कम 5 लाख रुपये सालाना कर देनी चाहिए ताकि मकानों की मांग में तेजी आए. गौरतलब है कि किसी मेट्रो शहर में टू बीएचके फ्लैट पर किसी व्यक्ति के सालाना आराम से 3 से 4 लाख रुपये ईएमआई में चले जाते हैं. इंडस्ट्री चैम्बर फिक्की ने तो ब्याज वाले हिस्से की छूट सीमा 2 से बढ़ाकर 10 लाख तक करने की मांग की है. इससे इस संकट के दौर में रियल एस्टेट कारोबार में कुछ जान फूंकी जा सकती है.
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अभी कितनी है छूट
अभी होम लोन पर कई प्रावधानों के तहत करीब 5 लाख रुपये के भुगतान पर टैक्स छूट मिलती है:
गौरतलब है कि जो लोग 80EE का लाभ ले रहे हैं उन्हें 80EEA का लाभ नहीं मिलता.
इंडस्ट्री की प्रमुख मांगें
इसके अलावा रियल एस्टेट से जुड़े संगठनों का कहना है कि बजट में अगर लोगों को होम लोन पर छूट, ब्याज सब्सिडी, जीएसटी कटौती, रियल एस्टेट को इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर का दर्जा देने जैसे कदम उठाए गए तो यह पूरे समूचे हाउसिंग सेक्टर में तेजी लाने वाले कदम साबित हो सकते हैं. फिक्की ने भी यह मांग की है कि होम लोन पर मिलने वाले ब्याज सब्सिडी को आगे बढ़ाया जाए.
गौरतलब है कि वित्त मंत्री 1 फरवरी को आम बजट पेश करेंगी. सरकार ने पहले ही कोरोना संकट के दौरान अधूरे हाउसिंग प्रोजेक्ट के लिए 25 हजार करोड़ के स्ट्रेस फंड का ऐलान किया है और कई अन्य राहत दी हैं. रियल एस्टेट सेक्टर का देश की इकोनॉमी में करीब 8 फीसदी का योगदान है. इस सेक्टर का पहिया ठप पड़ जाने का असर पूरी इकोनॉमी पर हुआ है.
फिक्की ने यह भी कहा है कि ReIT के तहत निवेशक जो यूनिट रखते हैं, अभी उनको तीन साल के बाद लॉन्ग टर्म कैपिटल एसेट माना जाता है. इसे घटाकर 1 साल या 2 साल करना चाहिए. इसकी वजह से निवेशक निवेश को प्रोत्साहित नहीं हो रहे, क्योंकि उन्हें टैक्स छूट का फायदा लेने के लिए तीन साल का इंतजार करना पड़ता है.
सरकार निर्माणाधीन मकानों के लिए जीएसटी में कटौती और लोन पर ब्याज सब्सिडी देने की योजना चला रही है. जानकार कहते हैं कि इसे कम से कम तीन साल और बढ़ाना चाहिए.