देश में कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार, बुनियादी ढांचा के विकास से लेकर सड़क परिवहन, ग्रामीण विकास और शहरीकरण पर ध्यान देने के लिए सरकार अलग-अलग योजनाओं के माध्यम से अपने बजट का बड़ा हिस्सा खर्च करती है. आइए जानते हैं कि नए बजट 2021-22 में किस योजना पर बरसीं लक्ष्मी, किस पर चली कैंची.
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना
हर साल किसानों के खाते में 6,000 रुपये की सहायता राशि पहुंचाने के लिए शुरू की गई इस योजना के बजट में सरकार ने 10,000 करोड़ रुपये की कटौती की है. पिछले बजट में इस योजना के लिए 75,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे. इस साल घटकर यह 65,000 करोड़ रुपये रह गया है.
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना
हर खेत तक सिंचाई के लिए पानी पहुंचाने के लिए शुरू की गई इस योजना के लिए बजट में 11,588 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. पिछले बजट में सरकार ने इस योजना के लिए 11,127 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था.
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फसल बीमा योजना
इस योजना का बजट भी इस साल बढ़ाकर 16,000 करोड़ रुपये किया गया है, पिछले बजट में इसका आवंटन 15,695 करोड़ रुपये था.
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन और राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन को मिलाकर बनाए गए ‘राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन’ का बजट इस साल बढ़कर 37,130 करोड़ रुपये रहा. पिछले बजट में इसके लिए 34,115 करोड़ रुपये का प्रावधान था.
प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना
प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के लिए इस साल बजट में 7,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. पिछले बजट में इसके लिए 6,020 करोड़ रुपये रखे गए थे.
आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना
देश के 50 करोड़ लोगों को स्वास्थ्य बीमा दायरे में लाने के लिए शुरू की गई आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के बजट में इस साल कोई बदलाव नहीं किया गया है. इसके लिए पिछले साल की तरह ही 6,400 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. इसके तहत गरीब लोगों को पांच लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा मिलता है.
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम (मनरेगा)
कोरोना काल में रोजगार की दृष्टि से मनरेगा के बजट को बढ़ाया गया है. इसके लिए बजट में 73,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. पिछले बजट में इसके लिए 61,500 करोड़ रुपये दिए गए थे.
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना
देश में स्वरोजगार को बढ़ावा देने वाली सरकार की प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के बजट में 2,000 करोड़ रुपये की बढ़ोत्तरी की गई है. पिछले बजट में इसके लिए 500 करोड़ रुपये का आवंटन हुआ था. इस बार इसे बढ़ाकर 2,500 करोड़ रुपये कर दिया गया है. मुद्रा योजना के तहत सरकार बिना रेहन रखे रियायती ऋण उपलब्ध कराती है.
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कैंची चलाई है. वित्त वर्ष 2020-21 के बजट में इसके लिए 2,500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था, लेकिन इस साल यह घटकर 2,000 करोड़ रुपये रह गया.
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी के कार्यकाल में ग्रामीण आबादी तक पक्की सड़क पहुंचाने के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का बजट 2021-22 में घटकर 15,000 करोड़ रुपये रह गया. पिछले बजट में इसके लिए 19,500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे.
जल जीवन मिशन
गांव-गांव तक स्वच्छ पेयजल पहुंचाने वाले ‘जल जीवन मिशन’ शुरू किया गया. पिछले बजट में इसके लिए 11,500 करोड़ रुपये का प्रावधान था. इस साल इसके बजट में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और यह 50,011 करोड़ रुपये रहा है. इस साल सरकार ने ‘जल जीवन मिशन’ (शहरी) भी शुरू करने की घोषणा की है. इसके तहत अगले पांच सालों में 4,378 नगर निकायों में 2.86 करोड़ घरों को ‘नल से जल’ उपलब्ध कराया जाना है.
स्वच्छ भारत मिशन
गांवों में शौचालय की व्यवस्था और स्वच्छता के लिए ‘स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण)’ योजना का संचालन किया जाता है. इसके बजट में इस साल कोई बदलाव नहीं हुआ है और यह पिछले साल की तरह 9,994 करोड़ रुपये है. शहरों में स्वच्छता और कचरे के उचित प्रबंधन करने के लिए शुरू किए गए स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के बजट में भी कोई बदलाव नहीं हुआ है. यह भी 2,300 करोड़ रुपये पर ही बना हुआ है.
दीन दयाल ग्राम ज्योति योजना
ग्रामीण इलाकों में बिजली पहुंचाने वाली दीन दयाल ग्राम ज्योति योजना का बजट इस साल 4,500 करोड़ रुपये से घटकर 3,600 करोड़ रुपये रह गया.
राष्ट्रीय शिक्षा मिशन
राष्ट्रीय शिक्षा मिशन या समग्र शिक्षा अभियान 2018 में शुरू हुआ. इसमें सरकार ने साक्षर भारत, सर्व शिक्षा अभियान और राष्ट्रीय माध्यम शिक्षा अभिायान जैसी योजनाओं को मिला दिया. इस योजना के बजट में इस साल लगभग 5,000 करोड़ रुपये की कटौती की गई. इसका बजट घटकर 34,300 करोड़ रुपये रहा. पिछले बजट में इसके लिए 39,161 करोड़ रुपये रखे गए थे.
मिड-डे मील
गरीब बच्चों के बीच शिक्षा के साथ-साथ पोषण पहुंचाने के लिए सरकार ‘मिड-डे मील’ योजना का भी संचालन करती है. इस साल बजट में इसके लिए 11,500 करोड़ रुपये रखे गए हैं जो पिछले बजट में 11,000 करोड़ रुपये थे.
अमृत और स्मार्ट सिटी मिशन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की महत्वकांक्षी योजना अमृत और स्मार्ट सिटी मिशन के बजट में कोई बदलाव नहीं हुआ है. यह पिछले बजट की तरह 13,750 करोड़ रुपये है.
प्रधानमंत्री आवास योजना.
मोदी सरकार देश के हर परिवार को 31 मार्च 2022 तक आवास देने का लक्ष्य लेकर चल रही है. इसी को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री आवास योजना शुरू की गई. इसका बजट भी पिछले साल की तरह 27,500 करोड़ रुपये ही है.