साल 2021 का बजट राज्यों के लिए वित्तीय स्वतंत्रता लेकर आया है. सोमवार को पेश हुए बजट के बाद राज्य अब अपने जीडीपी के 4 प्रतिशत तक कर्ज ले सकेंगे.
केंद्र सरकार ने इस बजट में राज्यों को अधिकार दिया है कि राज्य अपने सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) के 4 प्रतिशत तक कर्ज ले सकेंगे. पहले ये सीमा 3 प्रतिशत थी. गैर बीजेपी शासित राज्य जैसे केरल और राजस्थान लंबे समय से इस सीमा में बढ़ोतरी करने की मांग कर रहे थे.
राज्यों को मिलेगी वित्तीय राहत
फंड की कमी जूझ राज्यों के लिए केंद्र का ये कदम राहत लेकर आया है. केंद्र सरकार ने 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों को मानते हुए ये कदम उठाया है.
सोमवार को बजट पेश करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, " 15वें वित्त आयोग के अभिमत के अनुसार हम राज्यों के लिए निकल उधारी की सामान्य उच्चतम सीमा GSDP के 4 प्रतिशत तक करने की अनुमति दे रहे हैं." ये सीमा वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए तय की गई है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस उधारी का एक हिस्सा पूंजीगत व्यय पर खर्च किया जाएगा. बता दें कि पुल, सड़क, एयरपोर्ट जैसे बड़े निर्माण के लिए किए गए खर्चों को पूंजीगत व्यय कहा जाता है.
आधा फीसदी और कर्ज लेने की मंजूरी
इसके अलावा राज्यों को सकल राज्य घरेलू उत्पाद का आधा फीसदी (0.5%) और भी कर्ज लेने की अनुमति शर्तों के साथ दी गई है. इससे राज्यों के खजाने में और भी धन आ सकेगा. वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि राज्य 2023-24 तक अपना राजकोषीय घाटा GSDP के 3 फीसदी तक ले आएं.
राजस्थान, केरल ने की थी मांग
बता दें कि बजट से पहले राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार से मांग की थी कि कोरोना महामारी को देखते हुए केंद्र वित्तीय संसाधन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए जीएसडीपी का 2 प्रतिशत अतिरिक्त उधार लेने के इस प्रावधान को वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए भी जारी रखे.
वहीं केरल सरकार ने मांग की थी कि राज्यों को अपने GSDP के 5 फीसदी तक उधार लेने का अधिकार मिले. केंद्र ने केरल की अपील को आंशिक रूप से मानते हुए इसे 4 प्रतिशत तक कर दिया है.
8000 करोड़ ज्यादा उधारी ले सकेगा केरल
केरल देश के उन राज्यों में शामिल है, जहां कोरोना का प्रभाव सबसे ज्यादा रहा. कोरोना की वजह से राज्य की अर्थव्यवस्था सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है. इस वजह से पिछले वित्त वर्ष में केरल को फंड की लगातार कमी झेलनी पड़ी थी. केंद्र के इस फैसले के बाद केरल अब वित्तीय वर्ष 2021-22 में 8000 करोड़ रुपये अतिरिक्त उधार ले सकेगा.