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Budget 2022: 'वर्क फ्रॉम होम' वालों को मिल सकता है तोहफा, स्टैंडर्ड डिडक्शन 1 लाख तक करने की मांग!

Budget 2022: सरकार एक फरवरी को आम बजट पेश करने वाली है. ऐसे में समाज के हर तबके को ये उम्मीद रहती है कि सरकार क्या राहत दे रही है. क्योंकि कोरोना महामारी से पूरी दुनिया परेशान है. 50,000 रुपये के वर्क फ्रॉम होम अलाउंस के रूप में अतिरिक्त डिडक्शन (Additional Deduction) दिया जाना चाहिए.

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Budget 2022
Budget 2022
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 1 फरवरी को पेश किया जाएगा आम बजट
  • Budget से वर्क फ्रॉम होम करने वालों को उम्मीद

सरकार एक फरवरी को आम बजट पेश करने वाली है. ऐसे में समाज के हर तबके को ये उम्मीद रहती है कि सरकार क्या राहत दे रही है, क्योंकि कोरोना महामारी से पूरी दुनिया परेशान है. दरअसल कोरोना महामारी के बीच तेजी से वर्क फ्रॉम होम (Work From Home) का कल्चर बढ़ा है. इससे लोगों को अतिरिक्त खर्च करना पड़ रहा है.

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WFH के दौरान इंटरनेट, टेलीफोन, घर पर ऑफिस जैसे सेटअप से खर्च बढ़ गया है. बिजली बिल भी पहले के मुकाबले ज्यादा भुगतान करना पड़ रहा है. कोरोना वायरस महामारी से पहले इन लोगों को ऐसे खर्चों की कोई चिंता नहीं थी, क्योंकि कंपनियों से जरूरी सुविधाएं मिल रही थीं.

‘वर्क फ्रॉम होम' से बढ़ गया है खर्च

सैलरीड लोग आने वाले बजट 2022 में ‘वर्क फ्रॉम होम’ अलाउंस की उम्मीद कर रहे हैं. उन्हें महामारी के दौरान घर से ऑफिस का काम करने के लिए जो अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ रहा है, उस पर सरकार से टैक्स में राहत की उम्मीद है. इंग्लैंड में सरकार ने घर से काम कर रहे सैलरीड कर्मचारियों को अतिरिक्त छूट का तोहफा दिया है. 

वहीं Deloitte India ने सिफारिश की है कि बजट में घर से काम कर रहे कर्मचारियों को 50,000 रुपये के वर्क फ्रॉम होम अलाउंस के रूप में अतिरिक्त डिडक्शन (Additional Deduction) का लाभ मिलना चाहिए.

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उठ रही है राहत की मांग

कुछ इसी तरह प्री-बजट एक्सपेटेशंस 2022 में इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (Institute of Chartered Accountants of India -ICAI) ने भी सरकार को सुझाव दिया है कि वर्क फ्रॉम होम के लिए फर्नीचर वगैरह पर किए गए खर्च को खास तौर पर एग्जेंप्शन के दायरे में लाया जाना चाहिए.

ICAI ने सरकार से कहा है कि स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट को बढ़ाया जाना चाहिए. इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 16 के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन (Standard Deduction) की लिमिट को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर देना चाहिए.

 

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