देश का बजट (Budget 2023) तैयार हो चुका है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmla Sitharaman) आज संसद में इसे पेश करेंगी. देश का बजट वैसे ही बनता है, जैसे आप अपने घर का बजट बनाते हैं. कितने रुपये की आमदनी होगी. उसमें से कितने रुपये का खर्च बच्चों की फीस पर होगा. खाने-पीने की वस्तुओं पर कितनी राशि खर्च करनी पड़ेगी. कुछ इसी तरह सरकार देश का बजट बनाती है. सैकड़ों अधिकारियों की फौज मिलकर आम बजट को तैयार करती है. बजट बनाने की प्रक्रिया में सहभागिता बढ़ाने के लिए वित्त मंत्रालय उद्योग संगठनों और तमाम सेक्टर्स से सुझाव मांगता है. फिर बजट को अंतिम रूप दिया जाता है. बजट को अंतिम रूप देने के लिए अधिकारी करीब 10 दिन कैद में रहते हैं.
कैद हो जाते हैं अधिकारी
बेहद गोपनीय बजट दस्तावेज (Budget Document) तैयार करने के दौरान इसमें शामिल अधिकारी और कर्मचारी अपने घर या फिर पूरी दुनिया से 10 दिनों तक कटे रहते हैं. अगर आप 10 दिन को मिनट में तब्दील कर जोड़ेंगे, तो ये 14,400 मिनट होता है. यानी बजट को अंतिम रूप देने वाले अधिकारी 14,400 मिनट तक कैद में रहते हैं. बजट तैयार होने के दौरान Finance Minister के बेहद वरिष्ठ और भरोसेमंद अधिकारियों को ही घर जाने की इजाजत दी जाती है.
चाक-चौबंद होती है सुरक्षा व्यवस्था
देश का आम बजट जब तक संसद में पेश नहीं हो जाता, तब तक इसे तैयार करने की प्रक्रिया से जुड़े लोगों की सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद होती है. किसी भी बाहरी व्यक्ति वित्त मंत्रालय में प्रवेश नहीं कर सकता. बजट के दस्तावेज को तैयार करने वाली टीम के अलावा इसकी छपाई से जुड़े अधिकारी व कर्मचारियों को भी बाहर आने या फिर अपने सहयोगियों से मिलने की अनुमति नहीं होती है. वित्त मंत्रालय में 10 दिनों के लिए डॉक्टरों की एक टीम सभी जरूरी सुविधाओं के लैस होकर तैनात रहती है. ताकि किसी भी कर्मचारी के बीमार पड़ने पर उसे वहीं पर मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सके.
इंटरनेट के इस्तेमाल पर पाबंदी
बजट तैयार होने के दौरान आखिरी के 10 दिनों में इंटरनेट के इस्तेमाल पर भी पाबंदी रहती है. जिन कंप्यूटरों पर बजट डॉक्यूमेंट मौजूद होता है, उनसे इंटरनेट और एनआईसी के सर्वर को डिलिंक कर दिया जाता है. इससे किसी भी प्रकार की हैकिंग का डर नहीं रहता है. कंप्यूटरों को केवल प्रिंटर और छपाई मशीन से कनेक्ट करके रखा जाता है. वित्त मंत्रालय के जिस हिस्से में प्रिंटिंग प्रेस स्थित है, वहां चुनिंदा सीनियर अधिकारियों को ही जाने की अनुमति होती है.
बजट तैयार करने की प्रक्रिया शुरू होने से लेकर संसद में इसके पेश होने तक वित्त मंत्रालय में खुफिया विभाग से लेकर के साइबर सिक्योरिटी सेल सबका पहरा होता है. इन दिनों में मंत्रालय के अंदर कोई भी मोबाइल नेटवर्क (Mobile Ministry) काम नहीं करता है. केवल लैंडलाइन फोन के जरिए ही बातचीत हो पाती है.
बजट डिवीजन पर तैयार करने की जिम्मेदारी
वित्त मंत्रालय के बजट डिवीजन पर बजट को तैयार करने की जिम्मेदारी होती है. यह डिवीजन सभी मंत्रालयों, राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, स्वायत्त निकायों, विभागों और रक्षा बलों से अगले साल के लिए अपने खर्च के अनुमान बताने के लिए कहता है. इसके बाद फिर वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग के बीच तमाम मांगों औरल अनुमानों पर चर्चा होती है फिर बजट तैयार होता है.