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Rail Budget 2023: हाइड्रोजन पावर ट्रेनें, स्लीपर कोच वाली वंदे भारत... बजट में रेलवे से जुड़ी क्या सौगात देंगी वित्तमंत्री?

Indian Railways Budget 2023-24: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में आम बजट पेश करेंगी. साल 2017 से ही अलग से रेल बजट पेश होने की परंपरा खत्म हो चुकी है. रेलवे इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने और हाई स्पीड ट्रेनों को हकीकत के और नजदीक पहुंचाने के लिए सरकार इस बार रेलवे सेक्टर के लिए ज्यादा फंड जारी कर सकती है.

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Union Budget 2023-24 (Representational Image)
Union Budget 2023-24 (Representational Image)

Budget 2023, Indian Railways: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज यानी 1 फरवरी को आम बजट पेश करने वाली हैं. उनके पिटारे में से रेलवे के लिए क्या निकलेगा, आम लोगों से लेकर एक्सपर्ट्स तक की नजर इस बात पर टिकी हुई है. दरअसल, साल 2017 से ही अलग से रेल बजट पेश होने की परंपरा खत्म हो चुकी है. ऐसे में रेलवे को लेकर सरकार से उम्मीदें लगाकर बैठे लोगों की नजर आम बजट में इस सेक्टर को लेकर होने वाली घोषणाओं पर होगी. 

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एक्सपर्ट्स मानते हैं कि मोदी सरकार का जोर रेलवे इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने और हाई स्पीड ट्रेनों को हकीकत के और नजदीक पहुंचाने पर होगा. यह भी अंदाजा लगाया जा रहा है कि सरकार इस बार पिछले बजट के मुकाबले रेलवे सेक्टर के लिए ज्यादा फंड जारी कर सकती है. इसके जरिए नए लाइनों को बिछाने, सेमी हाई स्पीड ट्रेनों की तादाद बढ़ाने और पहले से जारी प्रोजेक्ट्स को पूरा करने पर जोर रहेगा. आम बजट में रेलवे से जुड़े किन अहम प्रोजेक्ट्स और डिमांड्स पर फोकस किया जा सकता है , आइए नजर डालते हैं. 

वंदे भारत ट्रेन 
वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें मोदी सरकार के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट्स में से एक है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि कई नई रूटों पर वंदे भारत ट्रेनों का ऐलान किया जा सकता है. यह भी दावा किया जा रहा है कि 400 नई वंदे भारत ट्रेनों का ऐलान किया जा सकता है. इन ट्रेनों को मिली कामयाबी को देखने हुए इस बार स्लीपर क्लास वाली वंदे भारत ट्रेनों की भी घोषणा की जा सकती है. बता दें कि सरकार वर्तमान में चल रही शताब्दी और राजधानी एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों को वंदे भारत गाड़ियों से धीमे-धीमे रिप्लेस करने की तैयारी में है. चूंकि, इन ट्रेनों को चलाने के लिए पटरियों की हालत एकदम चुस्त-दुरुस्त होनी चाहिए, ऐसे में वंदे भारत की रूट्स पर पटरियों को अपग्रेड करने से जुड़ी घोषणाएं भी हो सकती हैं.

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ग्रीन एनर्जी पर जोर, हाइड्रोजन पावर ट्रेनें 
एक्सपर्ट मानते हैं कि जी20 की अध्यक्षता कर रहा भारत ग्रीन एनर्जी के ज्यादा इस्तेमाल पर जोर देने के मकसद से इसे रेलवे क्षेत्र में भी गंभीरता से लागू करने की दिशा में सोचेगा. ऐसे में कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए वित्त मंत्री के भाषण में क्लीन एनर्जी और हाइड्रोजन पावर ट्रेनों से जुड़ी अहम घोषणाएं हो सकती हैं. माल ढुलाई और यात्री सेवाओं को विस्तार देने के साथ-साथ कोयले पर निर्भरता कम करने और ग्रीन एनर्जी पर जोर देने के लिए ऐसा करना जरूरी भी है. नैशनल हाईड्रोजन मिशन की दिशा में एक मजबूत कदम के तौर पर रेलवे हाईड्रोजन पावर ट्रेनों की शुरुआत करने से जुड़े कदम उठा सकता है. 

बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट 
अहमदाबाद से मुंबई के बीच जारी बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को रफ्तार देने के लिए बजट में कुछ अहम घोषणाएं हो सकती हैं. बता दें कि वित्त वर्ष 2022-23 में नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड को 19 हजार करोड़ से कुछ ज्यादा रकम आवंटित की गई थी. हालांकि, जानकारों का मानना है कि पूरे प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 1 लाख करोड़ का आंकड़ा पार कर चुकी है. ऐसे में इस प्रोजेक्ट को हकीकत का रूप देने के लिए और फंड्स की जरूरत होगी. रेलवे अधिकारियों का अनुमान है कि यह प्रोजेक्ट 2027 तक पूरा हो सकता है. 

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सेफ्टी और बचे हुए प्रोजेक्ट्स 
रेलवे के आधुनिकीकरण की दिशा में सेफ्टी एक ऐसा अहम पहलू है, जिसपर सरकार का फोकस होना चाहिए. ऐसे में पटरियों की मरम्मत, नए और बेहतर कोचों के निर्माण, पुराने कोच के रिप्लेसमेंट आदि से जुड़े कई कदम उठाए जाने जरूरी हैं. उम्मीद है कि सरकार बजट में ट्रैक अपग्रेडेशन, पारंपरिक कोचों को आधुनिक एलएचबी (Linke Hofmann Busch) कोचों से बदलने से जुड़ी कुछ अहम घोषणाएं कर सकती है. एक्सपर्ट मानते हैं कि रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने से जुड़े जो भी अहम प्रोजेक्ट्स बाकी हैं, उनको पूरा करने के लिए ज्यादा फंड आवंटित होने की पूरी उम्मीद है.  

सीनियर सीटिजंस की छूट बहाल होगी?
रेल यात्रा में सीनियर सीटिजंस को मिलने वाली छूट को रेलवे ने बंद कर दिया था. रेलवे मंत्री कुछ वक्त पहले यह साफ कर चुके हैं कि इसे दोबारा से शुरू करने की कोई योजना नहीं है. हालांकि, रेलवे की आमदनी पिछले वित्त वर्ष की तुलना में काफी बढ़ी है. वहीं, आम लोग भी इस छूट के बंद होने से नाखुश हैं. ऐसे में उम्मीद है कि 2024 चुनाव के पहले सरकार अपने पुराने रुख में बदलाव करते हुए दोबारा से इस रियायत को जारी करने की घोषणा कर सकती है.

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