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New Tax Regime Income Tax Slabs 2024-25: मोदी सरकार ने मिडिल क्लास और आयकर दाताओं को बड़ी राहत दी है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने टैक्सपेयर्स के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट 50 हजार रुपये बढ़ाकर 75 हजार रुपये कर दिया है. इसके साथ ही New Tax Slab में एक बार फिर बदलाव किया गया है.
दरअसल, इस बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पुरानी टैक्स रिजीम में बेसिक एग्जेमप्शन लिमिट नहीं बढ़ाई. साथ ही टैक्स रेट में भी किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है. ऐसे में पुरानी टैक्स रिजीम चुनने वालों को स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ने का भी फायदा नहीं मिलेगा. यानी जो भी बदलाव हुआ है, उसका लाभ न्यू टैक्स स्लैब चुनने वालों को मिलेगा.
दरअसल, नौकरीपेशा लोगों को उम्मीद थी कि वित्त मंत्री इस बार बजट में इनकम टैक्स (Income Tax) में राहत दे सकती हैं. वित्त मंत्री ने इस बार निराश नहीं किया है. सरकार ने स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ाकर और न्यू टैक्स रिजीम में बदवाल कर दिया है. वित्त मंत्री का कहना है कि न्यू टैक्स स्लैब में बदलाव से टैक्सपेयर्स कम से कम 17500 रुपये बचा पाएंगे.
0 to 3 तक लाख तक की आमदनी पर कोई टैक्स नहीं
3 से 7 लाख की आय पर 5% आयकर
7 से 10 लाख की आय पर 10% आयकर
10 लाख से 12 लाख की आय पर 15% आयकर
12 लाख से 15 लाख की आय पर 20% आयकर
15 लाख से ज्यादा की आय पर 30% आयकर
इसके अलावा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इनकम टैक्स प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि दो-तिहाई लोगों ने नया टैक्स रीजीम को चुना. लोगों में और न्यू टैक्स रिजीम और लोकप्रिय बनाने के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ाया गया है. साथ ही टैक्स स्लैब में बदलाव किया गया है.
इससे पहले पिछले साल न्यू टैक्स स्लैब में बदलाव किया गया था.
इससे पहले ये न्यू टैक्स स्लैब था (New Tax Slab- 2023)-
0 से तीन लाख पर 0 फीसदी
3 से 6 लाख पर 5 फीसदी
6 से 9 लाख पर 10 फीसदी
9 से 12 लाख पर 15 फीसदी
12 से 15 लाख पर 20 फीसदी
15 से ज्यादा लाख पर 30 फीसदी (अब ये टैक्स स्लैब खत्म हो गया है)
ओल्ड टैक्स स्लैब ((Old Tax Slab)-
2.5 लाख तक- 0%
2.5 लाख से 5 लाख तक- 5%
5 लाख से 10 लाख तक- 20%
10 लाख से ऊपर- 30%
बता दें, साल 2020 में सरकार ने पहली बार New Tax Slab पेश किया था, जो अधिकतर आयकरदाताओं को पसंद नहीं आया था. फिर उसी में पिछले साल यानी साल 2023 में बदलाव किया गया था. पहले 6 टैक्स स्लैब थे, जिसे बदलकर 5 टैक्स स्लैब कर दिया गया था. उसके बाद भी करीब 25 फीसदी आयकरदाता ने ही न्यू टैक्स स्लैब को अपनाया था. जिसके बाद अब एक बार फिर इसमें बदलाव किया गया है. नई कर व्यवस्था के तहत बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट 3 लाख रुपये कर दी गई है.