1 फरवरी 2024 को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) अगले वित्त वर्ष 2024-25 का बजट पेश करेंगी. लेकिन बजट पेश करने से पहले एक दिन पहले ही सरकार संसद में जनता के सामने देश की सेहत का पूरा लेखा-जोखा रखती है. इसे इकोनॉमिक सर्वे या आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) कहा जाता है. यह बेहद महत्वपूर्ण होता है और अगले दिन पेश होने वाले बजट की एक पूरी तस्वीर पेश करने वाला होता है.
देश की सेहत का आइना आर्थिक सर्वेक्षण
भारत में हर साल बजट 1 फरवरी को पेश किया जाता है और इससे पहले 31 जनवरी को पेश होता है आर्थिक सर्वेक्षण. ये इकोनॉमिक सर्वे दरअसल, पेश होने वाले बजट का मुख्य आधार होता है और इसमें भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) की पूरी तस्वीर पेश की जाती है. इसे दूसरे शब्दों में समझें, तो Economic Survey देश की आर्थिक सेहत का आइना होता है, जिसके जरिए मौजूदा सरकार इकोनॉमी की ताजा हालत के बारे में बताती है. इसमें ग्रोथ के ट्रेंड से लेकर किस सेक्टर में कितनी पूंजी आई और देश में तमाम योजनाएं किस तरह से लागू की गईं और ये कितनी बड़ी थीं, इसके बारे में जानकारी शामिल होती है.
सरकारी नीतियों के बारे में जानकारी
इस आर्थिक सर्वेक्षण में सरकारी नीतियों की जानकारी भी शामिल होती है, यही काराण है कि इसे अगले दिन पेश किए जाने वाले बजट का मुख्य आधार भी माना जाता है. लेकिन, ऐसा जरूरी नहीं है कि इस आर्थिक सर्वे में की गईं सिफारिशों को सरकार लागू ही करे. सर्वे रिपोर्ट में सरकार की नीतियों, प्रमुख आर्थिक आंकड़े और क्षेत्रवार आर्थिक रूझानों की डिटेल होती है.
Economic Survey को दो हिस्सों में पेश किया जाता है. इसके पहले हिस्से में इंडियन इकोनॉमी की हालत के बारे में बताया जाता है, तो वहीं सर्वे के दूसरे हिस्से में प्रमुख आर्थिक आंकड़ों को पेश किया जाता है. बजट डॉक्युमेंट की तरह है, मुख्य आर्थिक सलाहकारों के मार्गदर्शन में इस जरूरी दस्तावेज को भी तैयार किया जाता है.
कब आया था देश का पहला आर्थिक सर्वे?
आर्थिक सर्वे डॉक्यूमेंट तैयार होने के बाद वित्त मंत्री द्वारा अनुमोदित कर दिया जाता है. देश का पहला आर्थिक सर्वेक्षण 1950-51 में पेश किया गया था. तब आर्थिक सर्वेक्षण आम बजट के एक पार्ट के रूप में पेश किया गया था. हालांकि 1964 में इकोनॉमिक सर्वे को बजट से अलग कर दिया गया था. तब से केंद्रीय बजट पेश होने से ठीक एक दिन पहले आर्थिक सर्वेक्षण जारी करने की प्रथा बन गई है.