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कहां से आया 'Budget' शब्द? पहले शाम को होता था पेश... जानिए इसका इतिहास

Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज देश का आम बजट संसद के पटल पर रखेंगी. इस Budget शब्द के पीछे एक लंबा इतिहास है और इससे जुड़े कई दिलचस्प फैक्ट हैं.

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आजादी से पहले का है भारत में बजट का इतिहास
आजादी से पहले का है भारत में बजट का इतिहास

देश का आम बजट 2025 (Budget 2025) आज संसद में पेश किया जाएगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) सुबह 11 बजे संसद में लगातार 8वीं बार बजट भाषण देंगी. देश में लगातार तीसरी बार बनी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार (Modi 3.0) का ये पूर्ण बजट है. हालांकि, सरकार के पिटारे से क्या-क्या निकलेगा ये तो बजट पेश होने पर ही पता चलेगा, लेकिन इससे पहले हम यहां आपको देश के Budget से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें बता रहे हैं, जिन्हें शायद आप नहीं जानते होंगे.

कहां से आया Budget शब्द?
बजट (Budget) को लेकर लगातार चर्चा होती रहती है, ऐसा इसलिए क्योंकि सरकार आम से लेकर खास लोगों के लिए इसमें ऐलान जो करती है. लेकिन क्या आपको मालूम है कि आखिर ये 'Budget' शब्द आया कहां से, तो बता दें कि ये खास शब्द फ्रेंच भाषा के लातिन शब्द 'बुल्गा' से उत्पन्न हुआ है, जिसका अर्थ होता है चमड़े का थैला. बुल्गा से फ्रांसीसी शब्द बोऊगेट की उत्पति हुई और इसके बाद अंग्रेजी शब्द 'बोगेट' अस्तित्व में आया, फिर इसी बोगेट से 'बजट' शब्द की उत्पत्ति हुई. इसीलिए पहले बजट चमड़े के बैग में ही लेकर आया जाता था और संसद के पटल पर रखा जाता था.

लंबी चली चमड़े का लाल बैग की परंपरा
ब्रिटिश काल (British Rule) में जब खर्च और आय की जानकारी दी जाती थी, तो इससे जुड़े डॉक्युमेंट्स को इसे चमड़े के लाल बैग में लेकर आया जाता था. इसके नाम से जुड़े तथ्यों के चलते ऐसा होता था और यही परंपरा निरंतर जारी रही थी. लेकिन जब देश में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार बनी, तो फिर साल 2019 में इस परंपरा तो तोड़ दिया गया और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2019 में चमड़े के बैग के बजाय बही-खाता (पारंपरिक लाल कपड़े में लिपटे कागज) में बजट दस्तावेजों को ले जाने की प्रथा शुरू की और फिर ये डिजिटल होती चली गई. 

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पहले शाम को पेश होता था बजट 
क्या आप जानते हैं कि आखिर ऐसी क्या वजह है कि Budget हमेशा सुबह 11 बजे ही पेश क्यों किया जाता है, तो बता दें कि ऐसा पहले से नहीं चल रहा है और कोई परंपरा नहीं है. इससे पहले ब्रिटिश काल में बजट शाम 5 बजे पेश किया जाता था, ऐसा इसलिए किया जाता था, ताकि रात भर बजट पर काम करने वाले अधिकारियों को थोड़ा आराम मिल सके. 1955 तक बजट सिर्फ अंग्रेजी में प्रकाशित होता था, लेकिन 1955-56 से सरकार ने इसे हिंदी में भी प्रकाशित करना शुरू कर दिया.

ब्रिटिश सरकार में पेश हुआ था पहला बजट
आम बजट दरअसल, सरकार की ओर से दिया जाने वाला सालभर के लिए देश की आय और खर्च का लेखा-जोखा होता है. इसे पेश किए जाने की शुरुआत भारत में नहीं, बल्कि अंग्रेजी शासनकाल में ब्रिटेन में की गई थी. ब्रिटिश काल में पहली बार भारत में 7 अप्रैल 1860 को बजट पेश किया गया था. इस बजट को ब्रिटिश सरकार में अधिकारी जेम्स विल्सन के द्वारा पेश किया गया था, जो स्कॉटलैंड के इकोनोमिस्ट थे.  

आजाद भारत का पहला आम बजट
अंग्रेजों की गुलामी से स्वतंत्र होने के बाद भारत का पहला केंद्रीय बजट भारत के पहले वित्त मंत्री आरके शानमुगम चेट्टी ने 26 नवंबर 1947 को पेश किया था. यहां बता दें कि चेट्टी का जन्म साल 1892 में हुआ था और वे एक वकील, राजनेता, और अर्थशास्त्री थे. 

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