scorecardresearch
 

नया इनकम टैक्स बिल अगले हफ्ते आएगा... तो बजट में टैक्स स्लैब बदलने की क्यों पड़ी जरूरत

टैक्स एक्सपर्ट वेद जैन ने कहा कि टैक्स स्लैब में हुए बदलावों को नए बिल का हिस्सा बनाया जा सकता है और वित्त वर्ष 2026-27 के लिए भी उन्हें लागू रखा जा सकता है. नए इनकम टैक्स बिल पर उन्होंने कहा कि 6 दशक पुराने कानून को बदलने के मकसद से ये बिल लाया जा रहा है.

Advertisement
X
नए टैक्स बिल से क्या बदलेगा
नए टैक्स बिल से क्या बदलेगा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को बजट पेश किया जिसमें मिडिल क्लास को बड़ी राहत दी गई है. बजट में 12 लाख तक सालाना आय पर इनकम टैक्स जीरो करने का प्रस्ताव है, मतलब ये कि अब साल में 12 लाख तक कमाने वाले को टैक्स नहीं देना पड़ेगा. इसके अलावा भी अन्य आय वर्ग को लोगों को इनकम टैक्स में राहत दी गई है. टैक्स स्लैब में बदलाव से पहले वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि अगले सप्ताह नया इनकम टैक्स बिल लाया जाएगा. ऐसे में लोगों को कन्फ्यूजन है कि अगर नया बिल लाना है तो आखिर टैक्स स्लैब में बदलाव की जरूरत क्या है?

Advertisement

अगले साल से लागू होंगे नए प्रावधान 

इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के पूर्व प्रेसिडेंट और टैक्स एक्सपर्ट वेद जैन ने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा कि जो नया इनकम टैक्स बिल आएगा वो अगले हफ्ते संसद में पेश होने की उम्मीद है और मानसून सत्र तक उसे पारित किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि नया बिल अगले साल वित्त वर्ष 2026-27 से लागू हो सकता है, अभी लागू करना मुमकिन नहीं है. लेकिन बजट में टैक्स स्लैब में जो बदलाव हुए हैं, वो सभी एक अप्रैल 2025 से ही लागू हो जाएंगे. लेकिन नए बिल के प्रावधान अगले साल से ही लागू हो पाएंगे. उन्होंने कहा कि बजट में प्रस्तावित टैक्स स्लैब पर नए बिल का कोई असर नहीं पड़ेगा. 

ये भी पढ़ें: दिल्ली के अस्पतालों के लिए केंद्र सरकार ने खोला खजाना, एम्स और सफदरजंग का बजट बढ़ाया 

Advertisement

टैक्स एक्सपर्ट वेद जैन ने कहा कि टैक्स स्लैब में हुए बदलावों को नए बिल का हिस्सा बनाया जा सकता है और वित्त वर्ष 2026-27 के लिए भी उन्हें लागू रखा जा सकता है. नए इनकम टैक्स बिल पर उन्होंने कहा कि 6 दशक पुराने कानून को बदलने के मकसद से ये बिल लाया जा रहा है. वित्त मंत्री ने भी इस बात पर जोर दिया कि एक्ट काफी पुराना हो गया है और अब कानून को सरल बनाने की जरूरत है. वेद जैन का कहना है कि कानून के कई प्रावधान जिनकी अब आवश्कता नहीं है, नए बिल में हटा दिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि नए बिल में टैक्स की गणना जैसे बुनियादी बदलाव होने की उम्मीद कम है, लेकिन भाषा को आसान बनाकर कानून को छोटा किया सकता है.

तत्काल की जरूरतों के लिए बजट में संशोधन

बजट में हुए प्रस्तावित संशोधन फिलहाल की जरूरतों के लिहाज से हैं जो नया इनकम कानून लागू होने से पहले किए जाने हैं. महंगाई, जीडीपी, विदेशी निवेश जैसे आर्थिक कारकों को ध्यान में रखते हुए तात्कालिक संशोधन बजट के जरिए किए गए हैं ताकि अर्थव्यवस्था में किसी तरह की कोई अड़चन न आने पाए. नए टैक्स स्लैब के जरिए सरकार ने इनकम टैक्स एक्ट को सरल बनाने की दिशा में भी कदम उठा लिया है जिससे करदाताओं को आसानी होने की उम्मीद है.

Advertisement

टैक्स एक्सपर्ट सुनील गर्ग का कहना है कि नए इनकम टैक्स कानून से आम आदमी के जीवन में सीधे कोई बदलाव नहीं आएगा बल्कि इसे लाने का मसकद टैक्स के कामकाज को आसान बनाना है. उन्होंने कहा अभी इनकम टैक्स बिल पेश भी नहीं हुआ है, पेश होने के बाद उस पर संसद में चर्चा होगी, अगर जरूरत पड़ी तो संशोधन भी किए जाएंगे. ऐसे में आने वाले वित्त वर्ष के लिए बजट में संशोधन किए गए हैं जिनपर आने वाले बिल का कोई असर नहीं पड़ेगा. सुनील गर्ग ने कहा कि नए बिल के प्रावधान अगले साल से ही लागू हो पाएंगे.    

टैक्स सिस्टम को आसान बनाना मकसद

देश में फिलहाल 1961 का इनकम टैक्स कानून लागू है. साल 2020 के बजट में सरकार ने इसी कानून के तहत नई टैक्स रिजीम लागू की थी. लेकिन जुलाई 2024 में पेश किए गए बजट में सरकार ने साफ कहा था कि इनकम टैक्स कानून में बदलाव की जरूरत है. इसके लिए एक रिव्यू कमेटी भी गठित हुई थी और उसी के आधार पर वित्त मंत्री ने बजट भाषण में नया बिल लाने का ऐलान किया है. नए इनकम टैक्स कानून को लेकर वित्त मंत्री ने कहा कि देश में एक दशक से टैक्‍स सुधार लागू करने की कोशिश की जा रही है ताकि आसान भाषा में टैक्‍स सिस्टम को समझा जा सके, इसी कोशिश के साथ अगले हफ्ते नया इनकम टैक्स बिल लाया जाएगा.

Live TV

Advertisement
Advertisement