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बजट सत्र: राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करेंगी कांग्रेस समेत 16 पार्टियां

बजट सत्र के पहले दिन होने वाले राष्ट्रपति के अभिभाषण का कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), शिवसेना, अकाली दल, आम आदमी पार्टी (आप), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) समेत 16 पार्टियां बहिष्कार करेंगे.

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संसद का बजट सत्र कल से शुरू हो रहा है (फाइल फोटो-PTI)
संसद का बजट सत्र कल से शुरू हो रहा है (फाइल फोटो-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 16 पार्टियों ने जारी किया संयुक्त बयान
  • अकाली दल और AAP भी करेगी बहिष्कार

शुक्रवार से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र के पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद दोनों सदनों को संबोधित करेंगे. राष्ट्रपति के अभिभाषण का कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), शिवसेना, अकाली दल, आम आदमी पार्टी (आप), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) समेत 16 पार्टियां बहिष्कार करेंगे. इन सभी पार्टियों की ओर से बयान जारी किया.

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हम सभी 16 राजनीतिक दल एक बयान जारी कर रहे हैं कि हम राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार कर रहे हैं, जो कल संसद में दिया जाएगा, इस फैसले के पीछे प्रमुख कारण यह है कि तीनों कृषि कानूनों को विपक्ष के बिना बहस सदन में जबरन पारित किया गया है.

ये पार्टियां करेंगी बहिष्कार
कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी), डीएमके, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), शिवसेना, समाजवादी पार्टी, आरजेडी, सीपीआई (एम), आईजेएमएल, आरसीपी, पीडीपी, एमडीएमके, केरल कांग्रेस, एआईयूडीएफ. इसके अलावा अकाली दल और आम आदमी पार्टी भी बहिष्कार करेगी.

संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करेंगे राष्ट्रपति
परम्परा के मुताबिक संसद सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति के अभिभाषण से होगी. उस दिन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद संसद के दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित कर सरकार की भावी योजनाओं का खाका पेश करेंगे. ऐसा पहली बार ही होगा कि संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान भी सदस्य 'सेंट्रल हॉल' के अलावा लोक सभा और राज्य सभा में बैठेंगे. 

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किसानों का मुद्दा उठाएगा विपक्ष
विपक्ष संसद सत्र में किसानों के आंदोलन के मुद्दे को हमारी पार्टी जोरदार तरीके से उठाएगी. कांग्रेस के लोकसभा में मुख्य सचेतक कोडिकुन्निल सुरेश ने पहले ही कह दिया है कि हम किसानों के मुद्दे पर संसद में चर्चा और बहस करने के लिए स्थगन प्रस्ताव जैसे सभी उपायों का इस्तेमाल करेंगे. इसकी बानगी राष्ट्रपति के अभिभाषण के बहिष्कार से दिख गई है.

 

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