हालांकि बढ़े सेस का ग्राहकों पर नहीं पड़ेगा असर, हो सकता है कंपनियों से वसूले सरकार.
बजट में वित्त मंत्री का बड़ा ऐलान. मौजूदा व्यवस्था में केंद्रीय करों में राज्यों को 30 से 35% हिस्सा ही मिलता था. 15 वें वित्त आयोग की सिफारिशें मानी गईं.
चुनिंदा ऑटो पार्ट, मोबाइल उपकरण, सोलर इन्वर्टर हो सकते हैं महंगे.
एक नए सेस की तैयारी !! विस्तृत ब्योरे की प्रतीक्षा.
यह भी महत्वपूर्ण घोषणा. Retro tax की तलवार हटी.. तीन साल से पुराने टैक्स मामले नहीं खुलेंगे. पहले यह सीमा छह साल थी.
कस्टम ड्यूटी के लिए नई व्यवस्था व ढांचा आएगा.. कस्टम ड्यूटी में बढ़ोत्तरी के संकेत.
सस्ते मकानों के लिए टैक्स की राहत एक साल बढ़ी, हाउसिंग को कुछ बढ़ावा मिलेगा.
75 साल से ऊपर आयु के करदाता, जिनकी आय पेंशन और ब्याज तक सीमित है उनके लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरने से छूट.
बजट भाषण में वित्त मंत्री की ओर से अहम ऐलान. इससे कंपनियों को मिलेगा कई रियायतों का लाभ
सभी मजदूरों को न्यूनतम वेतन दिया जाएगा लेकिन बजट भाषण में वित्त मंत्री की तरफ से विस्तृत ब्योरे की घोषणा नहीं की गई.
बीते साल से 35 लाख करोड़ कम. सरकार सीधे संपत्तियां बेचने के हक में. विनिवेश की लंबी प्रक्रिया से बचने का संकेत.
यह भी बड़ी घोषणा. Bad Bank की तैयारी !! बैंकों के फंसे हुए कर्जों के लिए asset reconstruction company बनेगी. निजीकरण के बजट की असंगति.
भरपूर निजीकरण बजट. सरकारी संपत्तियों के अलावा दो सरकारी बैंक, एक जनरल इंश्योरेंस कंपनी बिकेगी. बीपीसीएल का विनिवेश होगा. शेयर बाजार झूम उठे, बैंक निफ्टी 1000 अंक ऊपर, Sensex 900 अंक और Nifty 252 अंक ऊपर. बजट भाषण के 50 मिनट पूरे.
यह भी बड़ा एलान, सेबी होगा इस बाजार का नियामक. भारत में सोने के कारोबार इससे तेज बढ़ोत्तरी होगी और नए निवेश उत्पाद आएंगे.
एक और बड़ी घोषणा. विदेशी कंपनियों के नियंत्रण वाली कंपनियों की इजाजत. इससे बीमा उत्पादों में इन्नोवेशन को बढ़त, पूंजी की कमी दूर होगी.
भारत में पहली बार इस तरह से सरकारी संपत्तियों की बिक्री शुरू होगी. बजट पर दिख रहा संसाधनों का दबाव. DIPAM ने बिकने वाली सरकारी संपत्तियों की पहले से सूची बना रखी है. मंत्रालयों से सहमति भी ली जा चुकी है. यदि इस साल बिक्री हो सकी तो घाटा कम रखने में मिलेगी मदद.
यह आवंटन अगर खर्च हुआ तो देश में रोजगार सृजन में मदद मिलेगी
अब तक की सबसे बड़ी घोषणा. एयरपोर्ट, सड़कें, बिजली ट्रांसमिशन लाइन, रेलवे के डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर के हिस्से, वेयरहाउस बेचेगी सरकार. गेल, इंडियन ऑयल की पाइप लाइन और स्टेडियम भी बिकेंगे. विदेशी निवशकों को मिलेगा. इससे मिलेगा पैसा.
एक और नई डेवलपमेंट फाइनेंस संस्था बनेगी. कर्ज के जरिये बुनियादी ढांचा को पैसा देगी. इसमें विदेशी निवेश निवेश भी आएगा.
पीएलआई स्कीम से अलग सात टेक्सटाइल पार्क बनेंगे. अलबत्ता अभी तक अन्य क्षेत्रों में ऐसी स्कीमों का असर सीमित. जीएसटी से बुरी तरह परेशान है टेक्सटाइल उद्योग. निर्यात भी घटा.
ऑटो उद्योग के लिए अच्छी खबर. नई पॉलिसी पुराने वाहनों के खत्म करने के लिए. पर्सनल व्हीकल के लिए 20 साल बाद, कॉमर्शियल व्हीकल के लिए 15 साल की सीमा.
हेल्थ सेकटर में जुडी एक और नई सरकारी स्कीम. 64100 करोड़ रुपये की आत्मनिर्भर हेल्थ योजना. आयुष्मान भारत और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन पहले से चल रही हैं.
बीते साल सरकार ने जीडीपी के आत्मनिर्भर पैकेज के जरिये करीब 27 लाख करोड़ की मदद दी जो कि 13 फीसदी के बराबर है लेकिन यह दुनिया के अन्य देशों की तुलना में काफी कम.
आत्मनिर्भर पैकेज का असर अभी तक सीमित रहा है. खासतौर पर छोटे उद्योगों पर
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