वित्त मंत्री पी चिदंबरम द्वारा पेश किए गए आम बजट को ‘संतुलित’ और ‘विकासोन्मुखी’ करार देते हुए सरकार ने कहा कि बजट में आम आदमी पर कोई बोझ नहीं डाला गया है और आज के आर्थिक हालात और चुनौतियों में इससे अच्छा बजट पेश नहीं किया जा सकता था.
सूचना एवं संचार मंत्री कपिल सिब्बल ने बजट को ‘संतुलित बताते हुए कहा कि आम आदमी पर कोई बोझ नहीं डाला गया है जबकि अधिक आयवर्ग पर करों का कुछ बोझ डालते हुए विकास के चक्र को आगे बढ़ाने का प्रयास किया गया है.
सिब्बल ने इस बात से इनकार किया कि बजट वोट बैंक और चुनाव को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है. उन्होंने कहा कि देश को कैसे आगे प्रगति के रास्ते पर ले जाया जाये इस बात को ध्यान में रखकर बजट तैयार किया गया है.
उन्होंने कहा कि लोगों को कई तरह की सब्सिडी दी गई है, ग्रामीण क्षेत्र को 80 हजार करोड़ रुपये दिये गए, शिक्षा क्षेत्र को 65 हजार करोड़ रुपये दिये गए, स्वास्थ्य क्षेत्र को 37 हजार करोड़ रुपये दिये गए. हर क्षेत्र को दिया गया है, किसी क्षेत्र में कोई कटौती नहीं की गई है.’
बिजली मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि बजट में गरीबों, महिलाओं, पिछड़े वर्गों, अल्पसंख्यकों समेत अन्य कमजोर तबकों के हितों का खास ख्याल रखा गया है.
सिंधिया ने कहा कि वित्त मंत्री पी चिदंबरम की ओर से पेश बजट विषम परिस्थितियों में देश को आगे ले जाने वाला रोमांचक बजट है.
उन्होंने कहा, ‘इस बजट में ग्रामीण, शहरी और आधारभूत संरचना को मजबूत बनाने के लिए विशेष पहल की गई है.’
जल संसाधन मंत्री हरीश रावत ने कहा कि यह विकासोन्मुखी बजट है जिसमें अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के साथ सामाजिक कल्याण योजनाओं को विशेष तवज्जो दी गई है.
उन्होंने कहा कि बजट में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यकों और महिलाओं के हितों पर खासा जोर दिया गया है.
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नबी आजाद ने आम बजट को ‘बहुत अच्छा’ करार देते हुए कहा कि आज के आर्थिक हालात में इससे अच्छा बजट पेश नहीं किया जा सकता था.
आजाद ने कहा, ‘बजट तो बहुत अच्छा है. जिस तरह से देश की आर्थिक स्थिति है उस लिहाज से वित्त मंत्री ने बहुत ही अच्छा बजट पेश किया है. इस बजट में हर वर्ग के लिए कुछ न कुछ है.’