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चाइल्ड बजट 2025-26 में मामूली बढ़ोतरी, एक्सपर्ट्स ने जताई चिंता

चाइल्ड राइट्स एंड यू (सीआरवाई) और एचएक्यू सेंटर फॉर चाइल्ड राइट्स दोनों चाइल्ड राइट बॉडी के विश्लेषण के अनुसार, केंद्रीय बजट 2025-26 ने बच्चों के लिए 1,16,132.5 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जो पिछले वर्ष के 1,09,920.95 करोड़ रुपये की तुलना में 5.65 प्रतिशत अधिक है. एक्सपर्ट का कहना है कि एजुकेशन सेक्टर हाईएस्ट (highest) प्रायोरिटी पर बना हुआ है. समग्र शिक्षा अभियान को 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.

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बजट.
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केंद्रीय बजट 2025-26 ने बच्चों के लिए 1,16,132.5 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जो पिछले वर्ष के 1,09,920.95 करोड़ रुपये की तुलना में 5.65 प्रतिशत अधिक है. लेकिन चाइल्ड राइट बॉडी ने महत्वपूर्ण कार्यक्रमों के लिए आवंटन कम करने, शिक्षा, स्वास्थ्य और बाल संरक्षण जैसे प्रमुख क्षेत्रों में पैसे के इस्तेमाल करने पर चिंता व्यक्त की है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि चाइल्ड बजट जीडीपी का केवल 0.33% है.

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उन्होंने कहा कि कुल केंद्रीय बजट में बच्चों के लिए हिस्सेदारी 2.29 प्रतिशत पर बनी हुई है जो 2012-13 में 4.76% से गिरावट जारी है. चाइल्ड राइट्स एंड यू (सीआरवाई) और एचएक्यू सेंटर फॉर चाइल्ड राइट्स दोनों चाइल्ड राइट बॉडी के विश्लेषण के अनुसार, जीडीपी के प्रतिशत के रूप में बच्चों के लिए बजट 2024-25 में 0.34% से घटकर इस साल 0.33% हो गया है.

प्रायोरिटी पर है एजुकेशन सेक्टर

5.16% की बढ़ोत्तरी के साथ 89,420.84 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ एजुकेशन सेक्टर हाईएस्ट (highest) प्रायोरिटी पर बना हुआ है. समग्र शिक्षा अभियान को 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 41,250 करोड़ रुपये मिले, जबकि पीएम श्री स्कूलों को 23.97 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 7,500 करोड़ रुपये मिले हैं.  

हालांकि, HAQ रिपोर्ट में कहा गया है कि फंड के इस्तेमाल में अनियमितता की गई है, 2023-24 में 15,843 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे जो खर्च नहीं किए गए हैं.

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'घटा नवोदय विद्यालय समिति का बजट'

वहीं, आदिवासी छात्रों के लिए संचालित एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (ईएमआरएस) को 3.31 प्रतिशत की मामूली वृद्धि के साथ 5,986.44 करोड़ रुपये दिए गए हैं. HAQ रिपोर्ट में कहा गया है कि इस बीच नवोदय विद्यालय समिति का बजट 8.53 प्रतिशत घटा कर 5,305.23 करोड़ रुपये कर दिया गया. जबकि नेशनल मीन्स-कम-मेरिट स्कॉलरशिप स्कीम में 0.8% की मामूली कटौती की गई है.

इसके अलावा CRY की रिपोर्ट में बताया है कि हाशिए पर रहने वाले ग्रुप के लिए स्कॉलरशिप में मिक्स रुझान देखा गया है. अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति में 28.74 प्रतिशत की कटौती की गई, जबकि ओबीसी आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (ईबीसी) और दीनोटिफाइड जनजातियों (डीएनटी) के पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप  में 35.72 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. 

चाइल्ड हेल्थ का बजट 3.82 प्रतिशत बढ़कर 4,676.90 करोड़ रुपये हो गया. एचएक्यू रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रजनन और बाल स्वास्थ्य (आरसीएच) और हेल्थ सिस्टम को मजबूत करने के लिए लचीले पूल में 4.26 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, लेकिन बीसीजी और Sera वैक्सीन उत्पादन के लिए फंडिंग में 3.6 प्रतिशत की गिरावट आई है.

'न्यूट्रिशन प्रोग्राम्स में बढ़ोतरी'

न्यूट्रिशन प्रोग्राम्स में मामूली बढ़ोतरी हुई है, जहां सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 में 3.58 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई. वहीं, पीएम पोषण (मिड-डे मील) का बजट केवल 0.26 प्रतिशत बढ़कर 12,500 करोड़ रुपये हो गया है. 

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एचएक्यू रिपोर्ट में विशेषज्ञों ने दावा किया कि धीमी बजट वृद्धि सरकार के बाल पोषण में सुधार के टारगेट से बिलकुल अलग है, खासकर बढ़ती कुपोषण दर को देखते हुए.

भारत 2024 ग्लोबल हंगर इंडेक्स में 127 देशों में से 105 वें स्थान पर है और पोषण ट्रैकर पर मापे गए 38 प्रतिशत बच्चे बौने पाए गए. विशेषज्ञों ने कहा कि केवल 1,822.45 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ बाल सुरक्षा को सबसे कम प्राथमिकता मिल रही है, जो पिछले साल की तुलना में केवल 1.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.

NCLP बंद

एचएक्यू रिपोर्ट में कहा गया है कि नेशनल चाइल्ड लेबर प्रोजेक्ट (NCLP) को बंद कर दिया गया है, जिससे बाल श्रम उन्मूलन के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता पर सवाल उठ रहे हैं. 

विशेषज्ञों ने कहा कि मिशन वात्सल्य, जिसका उद्देश्य कमजोर बच्चों की रक्षा करना है, बाल शोषण और दुर्व्यवहार के बढ़ते मामलों के बावजूद, 1.89 प्रतिशत की मामूली वृद्धि के साथ 1,500 करोड़ रुपये हो गया. उन्होंने तर्क दिया कि CRY की रिपोर्ट के अनुसार, महंगाई और चाइल्ड सुरक्षा की बढ़ती चुनौतियों को देखते हुए ये फंड पर्याप्त नहीं है.

विशेषज्ञों ने कहा कि अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने आवंटन में 72 प्रतिशत की भारी कटौती देखी है, जिसमें अल्पसंख्यकों के लिए पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति (63.86 प्रतिशत कम) और मदरसों के लिए शिक्षा योजना (99.5 प्रतिशत कम) में बड़ी कटौती की गई है.

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टॉप-क्लास स्कूल स्कीम में कटौती

HAQ रिपोर्ट में कहा गया है कि पीएम यशस्वी के तहत टॉप-क्लास स्कूल स्कीम में भी 33.33% की कटौती देखी गई है. एचएक्यू रिपोर्ट में विशेषज्ञों ने संशोधित अनुमान (आरई) चरण में कम आवंटन के एक पैटर्न पर जोर डाला, जिससे अक्षम योजना के बारे में चिंताएं बढ़ गईं. 2023-24 में RE स्टेज में चाइल्ड बजट में 8.62 प्रतिशत की कटौती की गई और आवंटित धन का 85.74 प्रतिशत इस्तेमाल किया गया.

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