देश की मोबाइल निर्माता कंपनियों ने आगामी बजट में टैक्स में छूट की मांग की है. उनका कहना है कि इससे मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिलेगा और हैंडसेट सस्ते हो जाएंगे. इतना ही नहीं इससे इस सेक्टर में नौकरियों की बहार भी आ जाएगी.
एक अंग्रेजी अखबार ने लिखा है कि देसी मोबाइल फोन निर्माता कंपनियां जैसे माइक्रोमैक्स और कार्बन ने सरकार से टैक्स हॉलिडे और सब्सिडी की मांग की है. उनका कहना है कि इससे लाखों लोगों को नौकिरयां मिलेंगी.
भारत में चीन के बाद मोबाइल फोन का दूसरा सबसे बड़ा बाज़ार है. इसके बावजूद यहां मोबाइल फोन बहुत कम बनते हैं. ज्यादातर हैंडसेट चीन में बनते हैं जिससे भारतीयों को कोई फायदा नहीं होता है. इन कंपनियों का भी ज्यादातर माल चीन में ही बनता है. उनका कहना है कि अगर सरकार टैक्स होलिडे देती है तो यहां मोबाइल फोन के कारखाने बड़े पैमाने पर लग जाएंगे. इससे लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा.
माइक्रोमैक्स के चेयरमैन संजय कपूर ने अखबार को बताया कि अगर सरकार इस सेक्टर के लिए ऐसी नीतियां बनाती है जिससे चीन को टक्कर दी जा सके तो भारत में न केवल नौकरियां बढ़ेंगी बल्कि यहां हैंडसेट भी सस्ते हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सरकार इस सेक्टर के लिए कुछ योजनाएं घोषित करेगी.
कार्बन के एमडी प्रदीप जैन ने कहा कि भारत में मोबाइल फोन का निर्माण करना जरूरी है क्योंकि इससे ही डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया की पहल को बढ़ावा मिलेगा. इससे ही मोबाइल फोन और इंटरनेट क्रांति को भी बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने कहा कि सरकार को उद्योगों के अनुकूल नीतियां बनानी होंगी और इंटरनेट सब्सिडी देनी होगी जिससे देसी मोबाइल निर्माताओं को लाभ पहुंचेगा.
मैक्स मोबाइल के चेयरमैन अजय अग्रवाल ने कहा कि हमें उम्मीद है कि मोबाइल फोन पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाई जानी चाहिए ताकि देश में बनने वाले मोबाइल हैंडसेट को बढ़ावा मिले.