बजट में मोदी सरकार का जोर किस बात पर रहा है, ये बजट में इस्तेमाल हुए शब्दों से भी समझा जा सकता है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2 घंटे से ज्यादा बजट भाषण के दौरान कम से कम 53 बार टैक्स शब्द का इस्तेमाल किया. इसके अलावा बैंक, निवेश और योजना शब्द भी लगातार वित्त मंत्री की जुबां पर आया.
सीतारमण ने सबसे ज्यादा 53 बार टैक्स शब्द का इस्तेमाल किया गया.
35 बार बैंक शब्द बोला गया.
31 बार निवेश शब्द आया.
25 बार योजना शब्द आया.
22 बार पानी और इंफ्रास्ट्रक्चर की बात हुई.
19 बार किसान शब्द आया.
16 बार टेक्नोलॉजी शब्द आया.
14 बार लोन शब्द आया.
13 बार एजुकेशन शब्द आया.
महिला, करदाता और डिजिटल शब्द 11 बार आया.
हाउसिंग और फाइनेंस शब्द 10 का बार उपयोग.
विकास 9 बार, ग्रामीण और रिफॉर्म शब्द- 8 बार आया.
अंतरिम बजट में किसान, विकास, गरीब, स्वास्थ्य जैसे शब्दों पर जोर रहा था, जो बजट भाषण में सबसे ज्यादा बार बोले गए थे. जबकि इस बजट में टैक्स, बैंक, निवेश, योजना और इंफ्रास्ट्रक्चर शब्द पर जो रहा. यानी फोकस पैसा जुटाने और न्यू इंडिया की योजनाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर पर है.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी का सपना है कि न्यू इंडिया में देश की अर्थव्यवस्था 5 लाख करोड़ डॉलर यानी 5 ट्रिलियन की हो जाए, जबकि 2014 के बाद से औसत विकास दर 7.5 प्रतिशत ही रही है. पिछले साल तो ये और घटकर 6.8 परसेंट ही रह गई. बजट से पहले आर्थिक सर्वेक्षण में विकास दर 7 प्रतिशत ही रहने का अनुमान रखा गया है, और अगर 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनना है, तो प्रतिवर्ष 8 प्रतिशत का विकास दर चाहिए.