पिछले साल के बजट में हुए आवंटन का लेखा-जोखा इकोनॉमिक सर्वे आज पेश किया जाएगा. पिछले साल के हालातों को देखते हुए इस बार का सर्वे कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर फोकस रह सकता है.
वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि बजट से दो दिन पहले पेश हो रहे इस सर्वे में ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर फोकस होगा. सरकार 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले ग्रामीण विकास और किसानों की हालत सुधारने पर फोकस कर सकती है.
पिछले दो सालों से मोदी सरकार कृषि के क्षेत्र की चुनौतियां से जूझ रही है. खराब मौसम और कम न्यूनतम समर्थन मूल्य की वजह से किसानों के लिए जीवनयापन करना काफी मुश्किल हो गया है. ऐसे में इस बजट में सरकार का फोकस इनकी हालत सुधारने पर होगा.
मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ने बताया कि इस बार आर्थिक सर्वेक्षण दो दिन पहले पेश किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि पिछले साल यह सर्वे 31 जनवरी को पेश किया गया था.
आर्थिक सर्वेक्षण के बाद एक तारीख यानी गुरुवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली आम बजट पेश करेंगे. इस बार बजट से इनकम टैक्स की दरों में राहत और कृषि के लिए कई सौगातें मिलने की उम्मीद जताई जा रही है. आज से ही बजट सत्र की शुरुआत भी हो रही है. संसद के बजट सत्र का पहला दौर 29 जनवरी से शुरू होगा और 9 फरवरी तक चलेगा. इसके बाद दूसरा दौर 5 मार्च से 6 अप्रैल तक चलेगा.
क्या है इकोनॉमिक सर्वे
आर्थिक सर्वेक्षण अथवा इकोनॉमिक सर्वे पिछले साल बांटे गए खर्चों का लेखाजोखा तैयार करता है. इससे पता चलता है कि सरकार ने पिछले साल कहां-कहां कितना खर्च किया और बजट में की गई घोषणाओं को कितनी सफलतापूर्वक निभाया. इसके साथ ही सर्वेक्षण से यह भी पता चलता है कि पिछले साल अर्थव्यवस्था की स्थिति कैसी रही.
सर्वेक्षण के जरिये इकोनॉमी को लेकर कई सुझाव भी सरकार को दिए जाते हैं. इस बार सर्वेक्षण में सुझाव कृषि पर फोकस रहने की संभावना जताई जा रही है.