केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम द्वारा लोकसभा में गुरुवार को वर्ष 2013-14 के लिए आम बजट पेश किया. इस बजट को लेकर काफी प्रतिक्रियाएं भी आई हैं:
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह: वित्त मंत्री ने शानदार बजट बनाया है. बजट में हर मंत्रालय का ध्यान रखा गया.
रामगोपाल यादव: बजट से किसी भी वर्ग को राहत नहीं:
यशवंत सिन्हा: ये बजट साफतौर पर ड्राफ्टेड बजट है, ये बाजीगरी है.
शत्रुघ्न सिन्हा: चिदंबरम ने पेश किया 'लॉलीपॉप' बजट.
शरद यादव: चिदंबरम ने जो बजट पेश किया है, वो किसी के हित में नहीं है. इस बजट से काफी निराशा हुई.
नीतीश कुमार: नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्याल के लिए वित्त मंत्री चिदंबरम ने जो फंड की घोषणा की है वह काफी सराहनीय है.
गुरुदास दासगुप्ता: यह चुनावी बजट है. युवाओं के लिए इस बजट में कुछ नहीं है.
मायावती: इस बजट में कुछ भी नया नहीं है. चिदंबरम ने दलित और गरीबों के लिए हवाई घोषणाएं की हैं.
सुषमा स्वराज: बजट में कोई कारगर उपाय नहीं, डल और उबाऊ बजट है.
कपिल सिब्बल: आम आदमी पर कोई बोझ नहीं डाला गया है जबकि अधिक आयवर्ग पर करों का कुछ बोझ डालते हुए विकास के चक्र को आगे बढ़ाने का प्रयास किया गया है.
ज्योतिरादित्य सिंधिया: बजट में गरीबों, महिलाओं, पिछड़े वर्गों, अल्पसंख्यकों समेत अन्य कमजोर तबकों के हितों का खास ख्याल रखा गया है.
हरीश रावत: यह विकासोन्मुखी बजट है जिसमें अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के साथ सामाजिक कल्याण योजनाओं को विशेष तवज्जो दी गई है.
मुलायम सिंह यादवः यह बजट जन विरोधी, गरीब विरोधी है जिसमें आम लोगों की उपेक्षा की गई है.
अरुण जेटलीः बजट में विनिर्माण और कृषि क्षेत्र के लिए कुछ नहीं किया गया है.