scorecardresearch
 

10 लाख, 15 लाख या 20 लाख आमदनी... इस मैजिक नंबर से समझिए कैसे बेहतर है Old Tax Slab?

अभी तक 5 लाख रुपये तक आमदनी पर कोई आयकर नहीं देना पड़ता था. लेकिन अब इस कैप को बढ़ाकर 7 लाख रुपये तक कर दिया है. नई कर व्यवस्था के तहत अब बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट 3 लाख रुपये कर दी गई है. जो पहले ढाई लाख रुपये पर थी.

Advertisement
X
न्यू टैक्स स्लैब Vs ओल्ड टैक्स स्लैब
न्यू टैक्स स्लैब Vs ओल्ड टैक्स स्लैब

बजट के बाद लोगों के मन में सबसे ज्यादा सवाल आयकर के नए प्रावधान को लेकर है? लोग जानना चाहते हैं कि न्यू टैक्स स्लैब किसके लिए बेहतर है? अगर आमदनी 10 लाख रुपये है तो फिर कौन-सा टैक्स स्लैब चुनना फायदे का सौदा साबित होगा. इस तरह के तमाम सवालों के जवाब आपको यहां मिल जाएंगे. 

Advertisement

आयकर से जुड़े तमाम सवालों को लेकर 'आजतक' ने एक्सपर्ट प्रीति शर्मा (टैक्स पार्टनर, BDO India) से संपर्क किया. उन्होंने बरीकी से नए टैक्स स्लैब और पुराने टैक्स स्लैब को समझाया. साथ ही उन्होंने बताया कि किनके लिए अभी भी पुराना टैक्स स्लैब चुनना बेहतर रहेगा. 

New Tax Slab के फायदे 

प्रीति शर्मा ने का कहना है कि न्यू टैक्स स्लैब एक बेहतर प्रयोग है, क्योंकि इससे पहले सरकार ने साल 2020 में एक नया टैक्स स्लैब सामने लाया था, जिसे बहुत अच्छा रिस्पॉन्स नहीं मिला. इसलिए अब बदलाव कर उसे बेहतर किया गया है, निश्चिततौर पर न्यू टैक्स स्लैब बड़ी आबादी के लिए बेहतर विकल्प है. उन्होंने बताया कि अगर किसी तरह का कोई निवेश नहीं है फिर तो हर हाल पर लोगों को न्यू टैक्स स्लैब चुनना चाहिए, जिससे कम टैक्स भरना होगा. 

Advertisement

लेकिन अगर तमाम तरह के डिडक्शन का लाभ ले सकते हैं, तो फिर पुराना टैक्स स्लैब ही बेहतर साबित हो सकता है. उन्होंने हर आमदनी वर्ग के लिए एक मैजिक नंबर सुझाया है. टैक्सदाता अगर हर साल इस मैजिक नंबर के बराबर निवेश या फिर टैक्स छूट का आंकड़ा छू लेता है तो फिर पुराने टैक्स स्लैब से ज्यादा फायदा मिलने वाला है. दरअसल, पुराना टैक्स स्लैब अभी भी टैक्स छूट का लाभ देता है. जबकि नए टैक्स स्लैब में ऐसा कोई प्रावधान है. 

मैजिक नंबर को याद कर लें

प्रीति शर्मा ने बताया कि अगर किसी की सालाना आय 10 लाख रुपये है, तो नए टैक्स स्लैब के हिसाब 60 हजार रुपये आयकर देना होगा. इसके अलावा 4 फीसदी सेस का प्रावधान हैं. लेकिन अगर 10 लाख की आय वाले पुराने टैक्स स्लैब को चुनता है और तमाम आयकर छूट का लाभ उठाता है, तो फिर उसके लिए पुराना टैक्स स्लैब ही फायदेमंद रहेगा. क्योंकि पुराने टैक्स रिजीम में 80C के तहत 1.50 लाख रुपये तक का टैक्स छूट का लाभ मिलता है. इसके अलावा होम लोन पर 2 लाख रुपये की छूट, NPS में निवेश कर अतिरिक्त 50 हजार रुपये की छूट और मेडिकल इंश्योरेंस का प्रीमियम भरकर खुद की आय को पूरी तरह से टैक्स छूट के दायरे में ला सकता है. 

Advertisement

उन्होंने हर आयवर्ग के लिए एक मैजिक नंबर सुझाया है और कहा कि इस मैजिक नंबर से ज्यादा निवेश करने वालों के लिए पुराने टैक्स स्लैब फायदे का सौदा रहेगा. उन्होंने बताया कि अगर सालाना आय 10 लाख रुपये है, और डिडक्शन (आयकर छूट- जैसे 80c, NPS, Home Loan) 2.50 लाख रुपये ज्यादा है तो फिर पुराना टैक्स स्लैब को चुनना बेहतर रहेगा. यानी 10 लाख की आय वालों के लिए 2.50 लाख रुपये का मैजिक नंबर है. इसी तरह 15 लाख की आय वालों के लिए 3.58 लाख रुपये 'मैजिक नंबर' है. जबकि 20 लाख की आय वालों के लिए 'मैजिक नंबर' 3.75 लाख रुपये है. यानी मैजिक नंबर से ज्यादा निवेश कर पुराने टैक्स स्लैब से बेहतर लाभ मिल सकता है. हालांकि अगर कोई निवेश नहीं करना चाहता तो फिर उनके लिए न्यू टैक्स स्लैब बेहतर रहेगा. 

गौतरतलब है कि निर्मला सीतारमण ने बजट में नया इनकम टैक्स स्लैब पेश किया, इसके तहत, पांच स्लैब बनाए गए हैं और 3 लाख रुपये तक की आमदमी पर 0% टैक्स रखा गया है. सबसे बड़ी बात अगर आप 7 लाख रुपये सालाना कमाते हैं तो आपको एक भी रुपये टैक्स नहीं देना होगा. 

न्यू टैक्स स्लैब सरकार के लिए क्यों जरूरी?
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस के अनुसार साल 2018 में रिटर्न भरने वालों में ढाई लाख रुपये तक आय वालों की संख्या 13.9% थी. 2.5 से 5 लाख तक आय वाले सबसे ज्यादा 49.3% फीसद थे. 5 से 10 लाख की सालाना आय वालों की संख्या 26.7% थी. यानी 7 लाख तक टैक्स में छूट और नई टैक्स स्लैब का फायदा यूं तो हर तबके को मिलेगा. लेकिन इसमें करीब 90% ऐसे लोग होंगे जिनकी सालाना आय 10 लाख रुपये है.
 
नई टैक्स स्लैब के अनुसार पहले जहां 3 लाख रुपये आय पर 2500 रुपये टैक्स लगता था, उसे हटाकर शून्य कर दिया गया है. 3 से 6 लाख रुपये की आय पहले 22500 रुपये का टैक्स लगता था, जो अब घटकर 15000 रुपये हो जाएगा, यानी 7500 रुपये का फायदा होगा. इसी 6 से 9 लाख आय वालों को अब पहले के मुकाबले 15000 रुपये, 9 से 12 लाख रुपये की इनकम वालों को 25000 रुपये का फायदा मिलेगा. और 12 से 15 लाख रुपये की सालाना आय वालों को 37500 करोड़ रुपये ज्यादा बचेंगे. 

Advertisement

बजट 2023-24 पेश किया गया ये नया टैक्स स्लैब है-

0 से तीन लाख पर 0 फीसदी
3 से 6 लाख पर 5 फीसदी
6 से 9 लाख पर 10 फीसदी
9 से 12 लाख पर 15 फीसदी
12 से 15 लाख पर 20 फीसदी
15 से ज्यादा लाख पर 30 फीसदी


दरअसल, अभी तक 5 लाख रुपये तक आमदनी पर कोई आयकर नहीं देना पड़ता था. लेकिन अब इस कैप को बढ़ाकर 7 लाख रुपये तक कर दिया है. नई कर व्यवस्था के तहत अब बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट 3 लाख रुपये कर दी गई है. जो पहले ढाई लाख रुपये पर थी. अब 6 टैक्स स्लैब की जगह अब 5 टैक्स स्लैब होंगे. न्यू टैक्स रीजीम में 15.5 लाख तक की इनकम पर 52500 रुपये स्टैंडर्ड डिडक्शन कर दिया गया है.

गौरतलब है कि सरकार ने साल 2020 में नया टैक्स स्लैब पेश किया गया था. जिसमें अब बदलाव कर दिया गया है. क्योंकि टैक्सदाता उस टैक्स स्लैब को लेकर ज्यादा उत्सुक नहीं थे. लेकिन सरकार ने साफ कर दिया है कि पुराना टैक्स स्लैब का विकल्प अभी लोगों भी लोगों के सामने होगा. हालांकि अब अगर करदाता नए टैक्स स्लैब नहीं चाहता है तो उसे पुराना टैक्स स्लैब चुनना होगा. अब पहला विकल्प के तौर पर New Tax Slab होगा. जबकि वैकल्पिक के तौर पुराना टैक्स स्लैब होगा. 

Advertisement

ओल्ड टैक्स स्लैब में ढाई लाख रुपये तक की आमदनी को कोई टैक्स नहीं देना होता है. 2.5 लाख से 5 लाख तक की आय पर 5 फीसदी टैक्स का प्रावधान है. लेकिन सरकार इस पर 12,500 की छूट देती है. सीधा गणित यह है कि पुराने टैक्स स्लैब में 5 लाख तक की आमदनी पर आपको टैक्स नहीं देना पड़ता था. 

पुराना इनकम टैक्स स्लैब
2.5 लाख तक- 0%
2.5 लाख से 5 लाख तक- 5%
5 लाख से 10 लाख तक- 20%
10 लाख से ऊपर- 30% 

Advertisement
Advertisement