यात्री किराया तो इस रेल बजट में नहीं बढ़ा लेकिन कई जरूरी चीजों की ढुलाई पर माल भाड़ा बढ़ा दिया गया है. इस बढ़ोतरी के बाद एलपीजी, यूरिया, सीमेंट और कोयले की कीमतों में इजाफे की आशंका तेज हो गई है.
'प्रभु' की रेल में सुविधा पर खास जोर
यात्री किराए को बढ़ोतरी की परछाईं से दूर रखने वाले सुरेश प्रभु ने माल भाड़े में 10 फीसदी तक का इजाफा कर महंगाई से जूझ रही जनता की कमर तोड़ने का पूरा इंतजाम कर दिया है. रेलमंत्री ने सिलेंडर की माल ढुलाई 0.8 फीसदी बढ़ा दी है जिससे सिलेंडर महंगा होने के आसार हैं. अनाज और दालों की ढुलाई 10 फीसदी बढ़ी है. यूरिया की ढुलाई भी 10 फीसदी बढ़ा दी गई है जिससे खेती पर भी लागत बढ़ेगी. कोयले की ढुलाई में 6.3 फीसदी का इजाफा हुआ है, इससे बिजली और सीमेंट दोनों महंगा होगा. स्टील की ढुलाई में 2.7 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है जिसका असर निर्माण कार्य महंगा होने के शक्ल में सामने आएगा.
एक दौर था जब 80 फीसदी माल ढुलाई रेलवे के जरिए होती थी. अब ये आंकड़ा घटकर 30 फीसदी हो गया है. आजादी के बाद तमाम रेल मंत्री माल भाड़ा बढ़ाते रहे और रेलवे का हिस्सा इस वजह से घटता रहा. होना तो ये चाहिए कि रेलवे ट्रांसपोर्ट के दूसरे साधनों के मुकाबले मजबूती से खड़ा किया जाता, ढुलाई की क्वालिटी बढ़ाई जाती लेकिन सुरेश प्रभु ने आसान रास्ता चुना और माल भाड़ा बढ़ा दिया.