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अंतरिम रेल बजट को चुनावी रंग देने की तैयारी, आम आदमी को मिल सकती है घोषणाओं की पोटली

रेल मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे बुधवार को रेल बजट पेश करने वाले हैं. चुनाव से ठीक पहले पेश किया जाने वाला यह बजट अंतरिम है, लेकिन इसके चुनावी होने की पूरी उम्‍मीद है. संभावना है कि रेल मंत्री इस बजट में लोकलुभावन वादों का पिटारा खोलेंगे.

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मल्लिकार्जुन खड़गे की फाइल फोटो
मल्लिकार्जुन खड़गे की फाइल फोटो

रेल मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे बुधवार को रेल बजट पेश करने वाले हैं. हालांकि चुनाव से ठीक पहले पेश किया जाने वाला यह बजट अंतरिम है, लेकिन इसके चुनावी होने की पूरी उम्‍मीद है. संभावना है कि रेल मंत्री इस बजट में लोकलुभावन वादों का पिटारा खोलेंगे, क्‍योंकि 2009 के अंतरिम रेल बजट में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने भी कुछ ऐसा ही किया था.

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चुनावी साल में 12 सिलेंडरों से लेकर आईएएस परीक्षा में दो अतिरिक्‍त मौकों की घोषणा कर चुकी केंद्र सरकार के पास इस अंतरमि रेल बजट को भी चुनावी बनाने का पूरा मौका है. यूपीए-2 के शासनकाल मे रेल मंत्रालय ने कई उतार चढ़ाव देखे और 6 मंत्रियों की देखरेख में काम किया. इस बीच राजस्व की कमी के कारण किराये में भी बढ़ोतरी हुई, लेकिन इस बजट में रेल मंत्री जनता को खुश करने की कोशिश करेंगे.

किसी भी बड़ी घोषणा से बचना चाहेगा मंत्रालय
पैसे की कमी को देखते हुए स्‍पष्‍ट है कि मंत्रालय किसी भी बड़ी घोषणा से बचना चाहेगा, लेकिन नई ट्रेनों का ऐलान किया जा सकता है. दरअसल, अंतरिम बजट नई सरकार के गठन से पहले तीन से चार महीने के लिए रेलवे का कामकाज चलाने और लेखानुदान मांगों के लिए होता है. लेकिन सरकारें इसे चुनावी बनाने से पीछे नहीं रहती. 2009 में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने अंतरिम बजट में ना सिर्फ 43 नई ट्रेनों की घोषणा की थी बल्कि किराए में भी कमी का ऐलान कर खूब वाहवाही बटोरी थी. यूपीए-1 के उस ट्रेंड को यूपीए-2 में भी आगे बढ़ाए जाने की संभावना है.

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ये हो सकती है घोषनाएं
बुधवार को पेश होने वाले अंतरिम रेल बजट में रेल मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे कई नई ट्रेनों की घोषणा कर सकते हैं. स्टेशनों और ट्रेनों में बेहतर सुविधाओं के लिए कुछ उपाए किए जा सकते हैं. इसके अलावा यात्रियों के लिए सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने के कदम भी उठाए जाने की संभावना है. इससे इतर चुनाव से पहले कई राज्यों के सांसदों की ओर से नई ट्रेनों की मांग है, जिन्हें माना जा सकता है. साथ ही नई लाइन के सर्वे के बाद लेखानुदान में कुछ ट्रेनों का विस्तार और फेरों में वृद्धि की घोषणा भी की जा सकती है.

प्रीमियम ट्रेनों का हो सकता है ऐलान
रेलवे के लिए इस समय घटता राजस्व यानी पैसे की कमी सबसे बडी चिंता है. खड़गे ने हाल ही महाप्रबंधकों की बैठक में घटते राजस्व को लेकर चिंता चताई थी. बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि इस कमी की भरपाई कैसे की जाए.

बहरहाल, राजस्‍व की इस कमी को पूरा करने के लिए प्रीमियम ट्रेनों की घोषणा की जा सकती है. लगभग 20 रूट पर 60 से 70 प्रीमियम ट्रेनों का ऐलान हो सकता है. ये ट्रेन अभी सिर्फ मुंबई-दिल्ली रूट पर चलती हैं और 37 फीसदी मुनाफा कमा चुकी हैं. रेलवे की योजना इन ट्रेनों से होने वाले मुनाफे को सब्सि़डी में डालकर आम आदमी को फायदा पहुंचाने की है.

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...लेकिन क्‍या घटेगा किराया
रेलवे के लिए ट्रेनों में लगातार बढ़ रही आग लगने की घटनाओं पर काबू पाना सबसे बड़ी चुनौती है. संभव है कि ऐसे में प्रमुख ट्रेनों में अग्निरोधक उपायों की घोषणा की जाए. हालांकि आम आदमी की जेब पर सबसे अधिक फर्क डालने वाले रेल किराये में बढ़ोतरी होगी या नहीं इसको लेकर सवाल अभी भी बना हुआ है.

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