पूरे देश की निगाहें इस वक्त मोदी सरकार के पहले आम बजट पर टिकी हुई हैं. वित्तमंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में साल 2015-16 का आम बजट पेश कर दिया. बजट की अहम बातें इस तरह हैं..
आम बजट की एक खास बात यह है कि इनकम टैक्स स्लैब में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है. टैक्स चोरी करने पर 10 साल तक की जेल हो सकती है. टैक्स में चोरी पर कालेधन से जुड़े नियमों के तहत सजा का प्रावधान किया जाएगा. कालेधन को लेकर नया कानून लाया जाएगा.
अरुण जेटली ने कहा कि कालेधन पर रोक के लिए रुपयों के नकद लेन-देने को सीमित करने की जरूरत है. उन्होंने दावा किया कि हमने भ्रष्टाचार राज को पीछे छोड़ दिया है. सरकारी खरीद में भ्रष्टाचार रोकने का सिस्टम बनाया जाएगा. आम बजट 2015-16: ये हुआ हमारे लिए सस्ता
बजट में कुछ राज्यों पर खास ध्यान
राज्यों के विकास पर पूर्वोत्तर राज्यों के साथ-साथ बिहार और पश्चिम बंगाल के विकास पर भी फोकस करने का लक्ष्य रखा गया है. जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में AIIMS बनाने का प्रस्ताव है. अरुणाचल प्रदेश में फिल्म इंस्टीट्यूट बनाया जाएगा. कर्नाटक में IIT बनाया जाएगा और ISM, धनबाद को IIT का दर्जा मिलेगा. आम बजट 2015-16: ये हुआ हमारे लिए महंगा
अरुण जेटली ने कहा कि केंद्रीय कर्मचारियों को अगले साल से 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ मिलेगा. महिलाओं की सुरक्षा के लिए 1 हजार करोड़ अतिरिक्त धन का प्रावधान किया गया है.
अरुण जेटली ने कहा कि प्रधानमंत्री बीमा योजना के तहत 12 रुपये के प्रीमियम पर 2 लाख का कवर मिलेगा. 2022 तक हर परिवार को घर और परिवार के एक सदस्य को रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है.
रक्षा क्षेत्र के लिए 246727 करोड़ रुपये
अरुण जेटली ने कहा कि सरकार ने 2015-16 के लिए रक्षा कार्यों के लिए 2,46,727 करोड़ रुपये का आवंटन किया है. जेटली ने अपने बजट भाषण में कहा कि सरकार रक्षा बलों को किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रखने के लिए तत्काल निर्णय लेने की नीति का पालन कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार रक्षा क्षेत्र में 'मेक इन इंडिया' नीति लागू करने की कोशिश कर रही है.
डायरेक्ट टैक्स से 14.49 लाख करोड़ रुपये की उगाही
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि वित्त वर्ष 2015-16 में डायरेक्ट टैक्स के जरिए 14.49 लाख करोड़ रुपये की उगाही होने का अनुमान है. जेटली ने कहा कि एक करोड़ रुपये से अधिक की कमाई पर अधिभार देना होगा.
तेजी से विकास कर रही देश की अर्थव्यवस्था: जेटली
अरुण जेटली ने वित्त वर्ष 2015-16 का आम बजट पेश किया और कहा कि उनकी सरकार द्वारा उठाए गए सुधारवादी कदमों के कारण देश की साख दोबारा मजबूत होने से आज अर्थव्यवस्था बेहतर स्थिति में पहुंच गई है. जेटली ने लोकसभा में अपने बजट भाषण की शुरुआत में कहा, 'मैं एक ऐसे आर्थिक परिवेश में यह आम बजट पेश कर रहा हूं, जो पिछले समय की तुलना में अधिक पॉजिटिव है. दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं मुश्किलों का सामना कर रही हैं. भारत उच्च विकास के मार्ग पर आगे बढ़ रहा है.'
GDP विकास दर 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान
अरुण जेटली ने कहा, 'वित्त वर्ष 2014-15 में वास्तविक GDP विकास दर 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है. इससे भारत को दुनिया की तेजी से बढ़ रही बड़ी अर्थव्यवस्था बनने में मदद मिलेगी.. वित्तमंत्री ने कहा, 'हमें बर्बादी और निराशा विरासत में मिली है. हमने उचित कदमों के द्वारा इससे उबरने में एक लंबा रास्ता तय किया है. हमारा उद्देश्य जीवन की गुणवत्ता में सुधार और देश के आम आदमी तक सुविधाएं पहुंचाना है.'
'सब्सिडी बंद करना सरकार की मंशा नहीं'
वित्तमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार की मंशा सब्सिडी बंद करना नहीं है, बल्कि उद्देश्यों को हासिल करने के लिए इन्हें बेहतर तरीके से लागू करना है. उन्होंने यह भी कहा कि किसानों को ऋण के रूप में लगभग 8.5 लाख करोड़ रुपये मुहैया कराए जाएंगे. इसके साथ ही किसानों को सिंचाई के लिए 5,300 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे.
आम बजट: संपत्ति कर खत्म करने का ऐलान
केंद्रीय मंत्री वित्तमंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को अपने बजट भाषण में संपत्ति कर के प्रावधान को समाप्त करने की घोषणा की.
2015-16 में वित्तीय घाटा 3.9 फीसदी लाने का लक्ष्य: जेटली
केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2014-15 में वित्तीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 4.1 फीसदी तक लाने का लक्ष्य रखा है. अगले तीन सालों में इसे और घटाकर 3 फीसदी तक लाए जाने का लक्ष्य है. जेटली ने बजट पेश करते हुए कहा, 'वित्त वर्ष 2014-15 में वित्तीय घाटा 4.1 फीसदी लाने का लक्ष्य है.' जेटली ने कहा, 'हमारी योजना अगले 3 सालों में इसे तीन फीसदी करना है. 2015-16 में 3.9 फीसदी, 2016-17 में 3.5 फीसदी और 2017-18 में तीन फीसदी का लक्ष्य है.'
रेल, सड़क और बुनियादी ढांचे के लिए टैक्स फ्री बॉन्ड का प्रस्ताव है. 150 करोड़ रुपये से रिसर्च और डिवलेपमेंट फंड की शुरुआत की गई है. बजट में बाल विकास के लिए 1500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. नीति आयोग को 1 हजार करोड़ रुपये देने का प्रस्ताव है.
बजट भाषण में अरुण जेटली ने 'मेक इन इंडिया' से रोजगार पैदा करने की बात कही है. जेटली ने कहा कि सरकार ने साफ-सफाई को आंदोलन का रूप दिया है. उन्होंने कहा कि अगले वित्तीय वर्ष में 6 करोड़ शौचालय बनाने का लक्ष्य रखा गया है.
वित्तमंत्री ने अपील की कि उच्च आयवर्ग के लोग स्वेच्छा से एलपीजी सब्सिडी छोड़ देंगे. सरकार ने देशभर में डाक नेटवर्क के विस्तार की बात कही है. उन्होंने जनधन योजना को भी डाकघरों से जोड़ने के प्लान का जिक्र किया.
अटल पेंशन योजना के तहत सरकार 1 हजार रुपये प्रतिमाह देगी. पेंशन का पैसा 60 साल की अवस्था के बाद मिलेगा. गरीबी रेखा से नीचे रह रहे लोगों के लिए सीनियर सिटिजन वेलफेयर फंड का प्रस्ताव रखा गया है.{mospagebreak}
लोकसभा में पेश आम बजट 2015-16 के मुख्य बिंदु इस तरह हैं:
- संपत्ति कर हटाया जाएगा और ज्यादा अमीरों पर अतिरिक्त दो फीसदी टैक्स, इससे सालाना 9,000 करोड़ रुपये की आय होगी.
- चमड़े के जूते-चप्पलों पर उत्पाद शुल्क घटाकर 6 फीसदी की जाएगी.
- सर्विस टैक्स और शिक्षा लेवी को एक में मिलाकर 12.36 फीसदी से 14 फीसदी किया जाएगा.
- यदि जरूरी हुआ, तो 2 फीसदी स्वच्छ भारत उपकर लगेगा.
- काले धन के खिलाफ जंग में बेनामी संपत्ति पर कानून बनाया जाएगा.
- संपत्ति की खरीद-फरोख्त में पैन दर्ज करना जरूरी होगा.
- टैकस सिस्टम को तर्कसंगत बनाया जाएगा.
- 2015-16 में गैर-योजना खर्च 13,12,200 करोड़ रुपये अनुमानित. योजना खर्च 4,65,277 करोड़ रुपये अनुमानित.
- 2015-16 में टैक्स उगाही 14,49,490 करोड़ रुपये होगी.
- कंपनी टैक्स चार साल में 30 फीसदी से घटाकर 25 फीसदी की जाएगी.
- इनकम छिपाने पर 10 साल तक की कठोर कारावास.
- प्रीवेंसन ऑफ मनी लाउंडरिंग एक्ट में सुधार किया जाएगा. इसमें विदेशी संपत्ति को जब्त न किए जा सकने की स्थिति में भारतीय संपत्ति को जब्त करने की व्यवस्था की जाएगी.
- व्यक्तिगत आयकर छूट सीमा जारी रहेगी.
- गत नौ महीने में कालेधन की समस्या से निपटने के लिए कई कदम उठाए गए.
- बैंकिंग क्षेत्र में आंकड़ों के एकीकरण के लिए नई संरचना लागू की जाएगी.
- रक्षा के लिए इस साल 2,46,727 करोड़ रुपये निर्धारित.
- जरूरतमंद विद्यार्थियों के लिए पूरी तरह आईटी आधारित मदद की सुविधा.
- पूर्वी राज्यों को तेजी से विकास का अवसर दिया जाएगा. आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की तर्ज पर बिहार और पश्चिम बंगाल को विशेष सहयोग.
- दिल्ली मुंबई औद्योगिक गलियारे (DMIC) तथा अन्य बुनियादी परियोजना में अच्छी प्रगति. इन परियोजनाओं के लिए 1,200 करोड़ रुपये निर्धारित. यदि काम में तेजी आई, तो अतिरिक्त राशि भी आवंटित की जाएगी.
- पारदर्शिता सुनिश्चित करने और भ्रष्टाचार मिटाने के लिए खरीद कानून बनाया जाएगा.
- दीनदयाल उपाध्याय की जन्म शताब्दी मनाई जाएगी. इसके लिए जल्द ही एक समिति गठित की जाएगी.
- 2015-16 में एम्स जैसे संस्थानों की स्थापना जम्मू-कश्मीर, पंजाब, तमिलनाडु और हिमाचल प्रदेश में की जाएगी. बिहार को एम्स जैसा दूसरा संस्थान मिलेगा.
- कर्नाटक को आईआईटी. धनबाद के भारतीय खनन स्कूल को आईआईटी का दर्जा.
- डिजिटल भारत योजना में अच्छी प्रगति.
- नकद लेन-देन का हतोत्साहित करने के लिए डेबिट कार्ड पर दिया जाएगा प्रोत्साहन.
- 'पूर्व की तरफ काम करो नीति' के तहत इस क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए जाएंगे. परियोजना विकास कंपनी कंबोडिया, लाओस और वियतनाम में निवेश के लिए काम करेगी.
- 43 देशों को आगमन पर वीजा सुविधा देने से पर्यटन में वृद्धि. कई चरणों में यह सुविधा 150 देशों तक बढ़ाई जाएगी.
- बॉन्ड बाजार को मजबूत करने के लिए पब्लिक डेट मैनेजमेंट एजेंसी का सृजन किया जाएगा.
- गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम शुरू की जाएगी. सोवरेन गोल्ड बांड शुरू किया जाएगा. अशोक चक्र चिह्न वाले भारतीय सोने के सिक्के का विकास करने के लिए काम जारी.
- भारत को 'कैशलेस' समाज बनाने की सोच.
- वैकल्पिक निवेश कोष में विदेशी निवेश की अनुमति.
- सार्वजनिक क्षेत्र के बंदरगाहों को अपनी जमीन का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहन.
- अनुमति प्रक्रिया ठीक कर भारत को निवेश का बेहतर ठिकाना बनाना.
- 4,000 मेगावाट की पांच अल्ट्रा-मेगा बिजली परियोजना स्थापित होगी.
- अतिरिक्त फंड उपलब्ध होने पर मनरेगा आवंटन को 5,000 करोड़ रुपये बढ़ाया जाएगा.
- एकीकृत शिक्षा और जीविका योजना शुरू की जाएगी.
- पारसियों पर 'द एवरलास्टिंग फ्लेम' प्रदर्शनी शुरू होगी.
- 20,000 करोड़ रुपये के साथ राष्ट्रीय निवेश और इन्फ्रास्ट्रक्चर कोष शुरू होगा और फंड को बढ़ाने की कोशिश की जाएगी.
- पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के नाम से नीति आयोग में इन्नोवेटिव योजना शुरू की जाएगी.
- बैंकिंग प्रणाली तक लोगों की पहुंच बढ़ाने के लिए सरकार कृतसंकल्प.
- हर भारतीय के लिए यूनिवर्सल सोशल सिक्योरिटी सिस्टम होगा.
- गरीबों के लिए अटल पेंशन योजना.
- वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष के लिए पीपीएफ और ईपीएफ कोष का उपयोग किया जाएगा.
- विकलांग वरिष्ठ नागरिकों के लिए फीजिकल एड्स और सहायक उपकरण.
- मुख्य चुनौतियां: कृषि उत्पादन बढ़ाना, इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश बढ़ाना, विनिर्माण में गिरावट के बीच 'मेक इन इंडिया' से रोजगार सृजन.
- कृषि ऋण का लक्ष्य 8.5 लाख करोड़ रुपये.
- ग्रामीण रोजगार योजना को मिलेगा 34,699 करोड़ रुपये, हर गरीब को नौकरी मिलेगी.
- राष्ट्रीय कृषि बाजार के लिए नीति आयोग के साथ मिलकर काम करेंगे.
- सब्सिडी के लिए बेहतर प्रणाली की जरूरत.
- एलपीजी उपभोक्ताओं को नकद सब्सिडी भुगतान.
- धनी उपभोक्ताओं से सब्सिडी वाला एलपीजी कनेक्शन वापस करने की अपील.
- कृषि मंत्रालय की जैविक खेती योजना को मदद.
- बेहतर सिंचाई के लिए 'पर ड्रॉप मोर क्रॉप' योजना.
- तीन उपलब्धियां- जनधन योजना, कोयला नीलामी, स्वच्छ भारत.
- दो और बड़े सुधार: वस्तु व सेवाकर, पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए जेएएम की तिकड़ी (जन धन योजना, आधार, मोबाइल नंबर)
- महंगाई को नियंत्रित करने में हमारी उपलब्धियां, उपभोक्ता महंगाई दर साल आखिर तक पांच फीसदी.
- जीडीपी विकास दर 2014-15 में 7.4 फीसदी और 2015-16 में 8-8.5 फीसदी, दहाई अंकों की विकास दर संभव.
- आज का आर्थिक माहौल हाल के वर्षों के मुकाबले अधिक सकारात्मक.
- गत नौ महीने में देश की अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए कई कदम उठाए गए.
- देश के लिए उड़ान भरने का अवसर.
- बजट प्रस्ताव में आर्थिक विकास की रूप रेखा.{mospagebreak}
बजट भाषण की शुरुआत करते हुए वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि भारत दुनिया में तेजी से विकास कर रही अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो गया है. उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था में हाल के दिनों में आमूलचूल और शानदार बदलाव आए हैं.
अरुण जेटली ने कहा कि केंद्र सरकार ने हर क्षेत्र में विकास का माहौल बनाया है. उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में ज्यादा विकास का लक्ष्य रखा गया है, ताकि वे मुख्यधारा में शामिल हो सकें. चालू खाते का घाटाा 1.3 फीसदी से कम रहने का अनुमान है. 9 महीने में कई योजनाएं शुरू की गई हैं. साथ ही दो अंकों का विकास दर हासिल करने का लक्ष्य दूर नहीं है.
बजट में 1 लाख किलोमीटर सड़के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है. सबसे पहली चुनौती कृषि क्षेत्र में विकास बताया गया है. साल 2022 तक 2 करोड़ अतिरिक्त आवास की जरूरत बताई गई. बजट में गांवों और शहरों में एक जैसी संचार व्यवस्था की जरूरत बताई गई है.
इससे पहले अरुण जेटली ने संसद भवन पहुंचकर कैबिनेट की बैठक की. इस बैठक में बजट को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है. संसद भवन आने से पहले जेटली ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की.
आम बजट से शेयर बाजार को बड़ी उम्मीदें रहीं. शनिवार सुबह 9.54 बजे सेंसेक्स ने करीब 241 अंकों की छलांग लगाई. निफ्टी में भी 73 अंकों की बढ़त देखी गई.
पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने उम्मीद जताई कि आम बजट में शिक्षा और स्वास्थ्य पर ज्यादा जोर होगा. उन्होंने कहा कि देश को इन दोनों ही मुद्दों पर ध्यान देने की जरूरत है.
आम जनता को महंगाई से राहत और टैक्स में रियायत का ब्रेसब्री से इंतजार रहा. मोदी सरकार के बजट से मध्यम वर्ग को भी बड़ी उम्मीदें रहीं. लोग सस्ते कर्ज की उम्मीद भी लगाए बैठे रहे.
चाहे कामकाजी वर्ग हो या छात्र, सरकारी अधिकारी हों या फिर घर संभालने वाली गृहिणी, सबको राहत के बजट का इंतजार था. प्रत्यक्ष कर यानी डाइरेक्ट टैक्स का छठा हिस्सा वेतनभोगी कर्मचारियों से आता है और बजट में यही वर्ग सबसे ज्यादा उपेक्षित रह जाता है. आम बजट में होनी चाहिए ये 8 बातें
आम टैक्सपेयर को वित्तमंत्री से किसी बड़ी राहत की उम्मीद तो नहीं थी, क्योंकि पिछले साल ही इनकम टैक्स स्लैब्स में बदलाव किया गया था. लेकिन देश में सेविंग्स को बढ़ावा देने वाले और सरकार को और पैसा मुहैया कराने में कारगर इनकम टैक्स के सेक्शन 80 C का दायरा और उसकी छूट सीमा, जो फिलहाल डेढ़ लाख रुपये है, उसे बढ़ाए जाने की उम्मीद थी. इसे 2 लाख रुपये किए जाने की उम्मीद थी. रिजर्व बैंक और सरकार दोनों ही चाहते हैं कि की देश में सेविंग्स रेट बढ़े. आम बजट में नहीं होनी चाहिए ये 7 बातें
इसके अलावा होम लोन पर टैक्स छूट, जो मूलधन के लिए फिलहाल डेढ़ लाख सालाना है, उसे बढ़ाकर 2 लाख रुपये किया जाने की उम्मीद की जा रही थी. So Sorry: जनता की जेटली से यही मांग है...
छात्र चाह रहे थे कि पढ़ाई के लिए मिलने वाले कर्ज के ब्याज को भी थोड़ा कम किया जाए. छात्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साक्षर भारत और उच्च शिक्षा पर जोर देते हैं, लिहाजा एजुकेशन लोन की दरो को घटाना चाहिए.
लोगों को बीजेपी का घोषणापत्र और आम चुनाव में किए गए वायदे, दोनों याद आ रहे हैं. अब देखना होगा कि यह आम बजट आम लोगों की उम्मीदों को बोझ कहां तक उठा पाता है.