केंद्र सरकार के गांव, गरीब, किसान आधारित और लोकलुभावन माने जाने वाले बजट से शेयर मार्केट को निराशा हुई है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जब सुबह करीब 11 बजे बजट भाषण शुरू किया तो बीएसई सेसेंक्स करीब 200 अंक चढ़ गया और निफ्टी भी 11,100 के करीब पहुंच गया था, लेकिन जैसे-जैसे वित्त मंत्री का भाषण आगे बढ़ता रहा शेयर मार्केट में गिरावट होने लगा. एक समय तो बीएसई सेंसेक्स शुरुआती कारोबार के मुकाबले करीब 590 अंक तक गिर गया. शेयर बाजार के लिए सबसे बड़ा झटका रहा लांग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स लगाना.
वित्त मंत्री ने एक लाख रुपये के लांग टर्म कैपिटल गेन्स पर 10 फीसदी टैक्स लगाने की घोषणा की है. इसके अलावा इक्विटी म्यूचुअल फंडों से वितरित आय पर भी 10 फीसदी टैक्स लगाने का प्रस्ताव रखा गया है.
ऐसा लगता है कि बजट उद्योगों की कोई चर्चा न करने और सिर्फ एमएसएमई के लिए कॉरपोरेट टैक्स में कटौती करने से भी शेयर बाजार निराश हुआ. वित्त मंत्री द्वारा कृषि और ग्रामीण विकास पर फोकस करने की बात के बाद ऑटो और कृषि उपकरण कंपनियों के शेयर चढ़ गए.
अभी तक शेयर बाजार के कारोबार में 12 महीने से ज्यादा तक के निवेश पर होने वाला लाभ टैक्स मुक्त था, सिर्फ इनकी बिक्री पर सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स ही देना होता था.
सुबह 11 बजे बीएसई सेंसेक्स सूचकांक 36,103 के आसपास था. इसके बाद 11.21 बजे तक यह 36,213 पर पहुंच गया. इसके बाद इसमें गिरावट शुरू हो गई. वित्त मंत्री के बजट समाप्त होने के आसपास दोपहर 12.47 तक सेंसेक्स भारी गिरावट के साथ 35,525 तक पहुंच गया. सुबह 9.15 के स्तर 36117 से तुलना करें तो इसमें करीब 590 अंकों की गिरावट आ चुकी थी. बजट भाषण खत्म होने के बाद बाजार रिकवर होने लगा और दोपहर 2 बजे तक यह सुधरकर 36184 अंक तक पहुंच गया था.