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बजट 2019: प्रधानमंत्री आवास योजना की सुस्‍त रफ्तार को मिलेगी तेजी?

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला आम बजट 5 जुलाई को पेश होने वाला है. इस बजट को वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी.

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आम बजट 5 जुलाई को पेश होने वाला है
आम बजट 5 जुलाई को पेश होने वाला है

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देश की वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी 5 जुलाई को बजट पेश करने वाली हैं. इस बजट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्‍ट ''आवास योजना''  में तेजी लाने के लिए जरूरी कदम उठाए जा सकते हैं. दरअसल, बीते कुछ महीनों से लगातार ऐसी रिपोर्ट आ रही हैं कि मोदी सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) की रफ्तार में सुस्‍ती आ गई है.

हालांकि सरकार के केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी का दावा है कि 2 साल पहले ही लक्ष्‍य हासिल कर लिया जाएगा. बता दें कि पीएम मोदी ने कहा था कि 2022 में देश की स्वतंत्रता की 75वीं सालगिरह मनाने तक सबके लिए आवास योजना के तहत देश के सभी परिवारों के पास उनका अपना घर होगा.

सिर्फ 39 फीसदी घर बन सके?

बीते मार्च महीने में रियल स्टेट सेक्‍टर की समीक्षा करने वाली एनारॉक की एक रिपोर्ट ने योजना की रफ्तार पर सवाल खड़े कर दिए. इस रिपोर्ट के मुताबिक प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत मंजूर सस्ते घरों में सिर्फ 39 फीसदी घर अब तक बन पाए. इस रिपोर्ट में कहा गया, "पीएमएवाई के तहत सस्ती आवासीय परियोजना की प्रगति की रफ्तार सुस्त है. आवासीय और शहरी मामलों के मंत्रालय के अनुसार, पीएमएवाई के तहत मंजूर 79 लाख घरों में से अब तक सिर्फ 39 फीसदी घरों का निर्माण पूरा हो चुका है."

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रिपोर्ट के मुताबिक देश के 7 बड़े शहरों में नई आवासीय इकाइयों की आपूर्ति में पिछले पांच सालों में 64 फीसदी की कमी आई है. बता दें कि साल 2014 में 5.45 लाख आवासीय इकाइयां थीं. यह आंकड़ा 2018 में 1.95 लाख रह गई. रिपोर्ट में कहा गया कि घरों की बिक्री पिछले पांच साल में 28 फीसदी घट गई है. साल 2014 में जहां 3.43 लाख घरों की बिक्री हुई, वहीं पिछले साल 2.48 लाख घर बिके.

दो साल पहले मिल जाएगा लक्ष्‍य!  

केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बीते दिसंबर महीने में एक बयान दिया था. इस बयान में उन्‍होंने दावा किया था कि प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत सबको आवास मुहैया करवाने का लक्ष्य 2022 की समय-सीमा से 2 साल पहले हासिल हो जाएगा. केंद्रीय मंत्री के मुताबिक राष्ट्रीय शहरी आवास निधि के तहत पीएमएवाई के लिए खासतौर से अतिरिक्त बजटीय संसाधन के रूप में 60,000 करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं.

क्‍या हैं मुश्किलें?

दरअसल, नोटबंदी के बाद से रियल एस्‍टेट सेक्‍टर बुरे दौर से गुजर रहा है. ऐसे में पजेशन में देरी और घरों की आपूर्ति बढ़ने जैसी कई चीजें हैं जो बाधा के रूप में सामने खड़ी हैं. सस्ते घरों की योजना को मिले इन्फ्रास्ट्रक्चर स्टेट्स जैसी चीजें भी नजरअंदाज नहीं की जा सकती है.

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