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Budget Theme 2024: क्या होने वाला है इस बार बजट में? पीएम मोदी ने कहा- मेरे लिए देश में सिर्फ यही 4 जातियां!

Budget 2024: प्रधानमंत्री भी इस बात को कह चुके हैं कि मेरे लिए देश में केवल यही 4 जातियां हैं. ऐसे में मुमकिन है कि अंतरिम बजट का फोकस इन 4 वर्ग पर सबसे ज्यादा रह सकता है.

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Nirmala Sitharaman
Nirmala Sitharaman

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) अपना छठा बजट 1 फरवरी को पेश करने जा रही हैं. वैसे तो देश के हर वर्ग के लोगों को आने वाले इस बजट (Budget 2024) से काफी उम्‍मीदें हैं. सरकार का ये बजट गरीब, युवाओं, किसानों और महिलाओं के लिए बहुत खास हो सकता है. बजट को तमाम लोग GYAN यानी गरीब, युवा, अन्‍नदाता और नारी का बजट भी कह रहे हैं. 

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प्रधानमंत्री भी इस बात को कह चुके हैं कि मेरे लिए देश में केवल यही 4 जातियां हैं. ऐसे में मुमकिन है कि अंतरिम बजट का फोकस इन 4 वर्ग पर सबसे ज्यादा रह सकता है. यही वजह है कि आम चुनाव को देखते हुए इस बार के बजट में केन्द्र सरकार देश की आधी आबादी यानी महिलाओं को लुभाने के लिए कई बड़े ऐलान कर सकती है. 


 महिलाओं के लिए बजट में खास फोकस संभव
इस बार के अंतरिम बजट में महिलाओं के लिए भी बजट का आकार बढ़ाया जा सकता है. खासकर कृषि क्षेत्र में तो महिलाओं के लिए भारी भरकम ऐलान किए जाने की जरूरत है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि भारतीय महिलाएं दुनिया भर के कृषि श्रम में 43 फीसदी हिस्सेदारी रखती हैं. भारत के ग्रामीण इलाकों में इनकी कुल एग्री लेबर में 84 फीसदी भागीदारी है. 

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ऐसे में पीएम किसान (PM Kissan) के तहत महिला किसानों के उत्थान के लिए अलग से बड़े एलान किए जाने की जरुरत है. महिलाओं के लिए जिन बड़े एलानों को किए जाने की संभावना है उनमें सबसे पहला है. महिलाओं के लिए बजट एलोकेशन में बढ़ोतरी किया जाना जो बीते 10 साल में 30 फीसदी बढ़ चुका है. इसके अलावा बजट में महिलाओं के लिए डायरेक्ट कैश ट्रांसफर जैसी योजना लाने का ऐलान भी किया जा सकता है. 

किसानों पर सरकार की नजर

वहीं महिलाओं को वित्तीय तौर पर मजबूत बनाने के लिए कौशल विकास की योजना भी लाई जा सकती है. महिला किसानों के लिए सम्मान निधि को बढ़ाकर 12 हजार किया जा सकता है. मनरेगा के लिए महिलाओं को विशेष आरक्षण और ज्यादा मानदेय देने की संभावना है. इसके लिए महिलाओं को ब्याज रहित लोन की पेशकश की जा सकती है. 

यानी संभव है कि आर्थिक रुप से पिछड़ी महिलाओं के लिए चुनाव से पहले पिटारा खोलने में सरकार कोई कंजूसी नहीं करेगी. भारत में लेबर फोर्स में महिलाओं की 24 फीसदी हिस्सेदारी है, जबकि GDP में इनका योगदान 17 फीसदी है. इतनी कम भागीदारी से भारत के लिए 5 ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी बनना आसान नहीं होगा. वर्ल्ड बैंक के मुताबिक भारत में महिलाओं और पुरुषों की लेबर फोर्स में बराबर हिस्सेदारी होने से देश की GDP में 27 फीसदी का भारी उछाल आ सकता है. 
 
यानी अगर 50 फीसदी महिलाएं भी वर्कफोर्स का हिस्सा बन जाती हैं तो भारत की विकास दर 1.5 फीसदी बढ़कर 9 फीसदी के नजदीक पहुंच सकती है. ऐसे में लेबर फोर्स में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए महिलाओं से जुड़ी स्कीम्स का बजट 2023 के मुकाबले 25 फीसदी तक बढ़ाया जा सकता है.

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इससे महिलाओं के लिए चलाई जा रही योजनाओं का ज्यादा असर नजर आएगा. इसके साथ ही लेबर फोर्स के साथ ही दूसरे कई क्षेत्रों में भी महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने में मदद मिलेगी. इन महिलाओं को मुख्य धारा में लाकर इनकी आमदनी बढ़ाने के साथ साथ इनका वोट दिलाने में भी सरकार के ये ऐलान काफी मददगार हो सकते हैं.

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