केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश किया. बजट में सरकार किसी भी तरह के अति उत्साह से बचती नजर आई. सरकार ने बजट में केवल चुनावी राज्यों के लिए कुछ खास ऐलान करने से परहेज किया. इसके बावजूद फाइनेंशियल ईयर 2022-23 के केंद्रीय बजट (Union Budget 2022) में कई ऐसे कदम उठाए गए हैं जिनके राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं.
बजट में राज्यों से जुड़े हुए ये फैसले किए गए हैंः
1. पर्वतमाला: फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में परंपरागत सड़कों के विकल्प के तौर पर एक नेशनल रोपवे डेवलपमेंट प्रोग्राम ‘पर्वतमाला’ चलाया जाएगा. संसद में 2022-23 का बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि पीपीपी मॉडल के तहत प्रस्तावित रोपवे विकास कार्यक्रम चलाया जाएगा.
पीएम मोदी ने इस योजना को लेकर कहा कि हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर के राज्यों के लिए देश में पहली बार पर्वतमाला योजना शुरू की गई है. इनमें उत्तराखंड ऐसा राज्य है जहां 14 फरवरी को विधानसभा चुनाव होने हैं.
2. एनपीएस को लेकर फैसलाः वित्त मंत्री ने मंगलवार को राज्य सरकार के कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया. उन्होंने कहा कि अब केंद्र सरकार के कर्मचारियों की तरह राज्य सरकार के कर्मचारी भी एनपीएस टीयर-। में राज्य सरकार की ओर से किए गए पूरे 14% के अंशदान पर टैक्स डिडक्शन का बेनिफिट प्राप्त कर सकते हैं.
इस फैसले का मकसद राज्य सरकार के कर्मचारियों को केंद्र सरकार के बराबर बेनिफिट देना है. हर राज्य में राज्य कर्मचारियों का समूह काफी मजबूत होता है. इस फैसले का असर अकेले उत्तर प्रदेश के 9 लाख सरकारी कर्मचारियों पर देखने को मिलेगा.
3. राज्यों के लिए लॉन्ग टर्म कैपेक्स लोन का प्रावधान: सीतारमण ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए लॉन्ग टर्म कैपेक्स लोन को रिवाइज्ड एस्टिमेट में 10,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 15,000 करोड़ रुपये कर दिया है. वहीं 2022-23 के लिए इसे एक लाख करोड़ रुपये कर दिया है. हालांकि, इन लोन का इस्तेमाल विभिन्न योजनाओं के लिए किया जाना है.