केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया. लोकसभा में सुबह 10.55 बजे कदम रखने वालीं निर्मला सीतारमण जब अपनी सीट पर बैठीं तो कई महिला सांसदों ने उनके पास जाकर उनको शुभकामनाएं दीं. अपना पहला बजट पेश करने पहुंचीं निर्मला सीतारमण ने गैलरी में बैठे अपनी माता सावित्री और पिता नारायणन सीतारमण और पत्रकार बेटी वांगमयी पारकला का अभिवादन किया.
तमिलनाडु की रहने वालीं निर्मला सीतारमण ने जब हिंदी में ग्रामीण कारीगरों पर कुछ घोषणाएं की तो सदन तालियों से गूंज उठा. उनका भाषण हिंदी, उर्दू, संस्कृत और यहां तक कि तमिल छंदों के साथ दिया गया. उन्होंने बजट की शुरुआत कवि मंजूर हाशमी के उर्दू के एक दोहे के साथ की.
"यकीन हो तो कोई रास्ता निकलता है
हवा की ओर भी लेकर चिराग जलता है"
निर्मला सीतारमण का बजट भाषण कई मायनों में खास रहा. वित्त मंत्री का ये भाषण सबसे लंबे भाषणों में से भी एक रहा. उन्होंने 2 घंटे 5 मिनट तक लोकसभा में मोदी सरकार के बजट को पढ़ा. गौर करने वाली बात ये रही कि अपने इस भाषण में निर्मला सीतारमण ने एक बार भी पानी नहीं पिया.
निर्मला सीतारमण जब मोदी सरकार की योजनाओं का ऐलान कर रही थीं तो सदन ताली गूंज से रहा था. इस ऐतिहासिक भाषण को सुनने के लिए विपक्ष के कई नेता सदन से नदारद रहे. विपक्ष की कई सीटें भाषण के दौरान खाली रहीं. इस दौरान यूपी के पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव और उनके बेटे अखिलेश यादव सदन में नहीं थे. राज्यसभा के लिए आरक्षित गैलरी लगभग भरी हुई थी.
गैलरी में उच्च सदन से मौजूद सांसदों में डी राजा, कुमार केतकर, नरेंद्र जाधव, के अल्फोंस, माजिद मेमन और स्वपन दासगुप्ता थे. केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल और शिरोमणि अकाली दल के सांसद सुखबीर सिंह बादल, मेनका गांधी और उनके बेटे वरुण गांधी, अभिनेत्री और मथुरा की सांसद हेमा मालिनी और सनी देओल सदन में मौजूद सदस्यों में से थे. एलजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान अपने सांसद बेटे चिराग पासवान के साथ संसद में मौजूद थे.