संसद में हंगामे के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया. इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया गया, जिसमें उन्होंने मौजूदा सरकार की कई उपलब्धियां गिनाईं.
आर्थिक सर्वेक्षण मुख्य आर्थिक सलाहकार के मार्गदर्शन में तैयार किया जाता है. पिछले साल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 31 जनवरी को संसद में बजट सत्र के दौरान आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20 पेश किया था. मौजूदा समय में मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन हैं.
क्या है आर्थिक सर्वेक्षण?
केंद्र सरकार जो बजट पेश करती है वो आगामी वित्त वर्ष में सरकार किस क्षेत्र में कितना खर्च करेगी, एक तरह से उसका लेखा-जोखा होता है. लेकिन सरकार ने इस वित्त वर्ष में कितना कहां खर्च किया, इसका लेखा-जोखा आर्थिक सर्वेक्षण में होता है. यानी आर्थिक सर्वेक्षण अर्थव्यवस्था की सालाना आधिकारिक रिपोर्ट होती है.
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इसके अलावा आर्थिक सर्वेक्षण में निकट भविष्य की योजानाओं और अर्थव्यवस्था में आने वाली चुनौतियों के बारे में जानकारी दी जाती है. आर्थिक सर्वेक्षण में देश के आर्थिक विकास का अनुमान होता है.
आर्थिक सर्वेक्षण बुनियादी ढांचे, कृषि और औद्योगिक उत्पादन, रोजगार, कीमतों, निर्यात, आयात, विदेशी मुद्रा भंडार के साथ-साथ अन्य प्रासंगिक आर्थिक कारकों का विश्लेषण करता है, जिनका बजट में प्रमुख ध्यान होता है. यह दस्तावेज अर्थव्यवस्था की प्रमुख चिंताओं पर भी ध्यान केंद्रित करता है.
रोचक तथ्य
आसान भाषा में समझें तो वित्त मंत्रालय की इस रिपोर्ट में भारतीय अर्थव्यवस्था की पूरी तस्वीर देखी जा सकती है. अकसर, आर्थिक सर्वे के जरिए सरकार को अहम सुझाव दिए जाते हैं. हालांकि, इसकी सिफारिशें सरकार लागू करे, यह अनिवार्य नहीं होता है.
पहली बार देश का आर्थिक सर्वेक्षण 1950-51 में पेश किया गया था. 1964 से वित्त मंत्रालय बजट से एक दिन पहले सर्वेक्षण जारी करता आ रहा है.