केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि टोल टैक्स (Toll Tax) को लेकर लोगों की शिकायतें जल्द दूर होने वाली है. लोगों को नई पॉलिसी से बड़ी राहत मिलेगी, हालांकि उन्होंने नई टोल पॉलिसी के बारे में ज्यादा जानकारी देने से इनकार कर दिया.
उन्होंने कहा कि सड़क परिवहन मंत्रालय राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रियों को राहत देने के लिए एक समान टोल नीति पर काम कर रहा है. दरअसल, बिजनेस टुडे के खास कार्यक्रम 'बजट राउंड टेबल' में नितिन गडकरी से बढ़ती टोल कीमतों को लेकर सवाल किया गया था. नई टोल पॉलिसी की जानकारी देने के साथ ही उन्होंने कहा कि सबकी उम्मीदें पूरी हो जाएंगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर आप अच्छी सर्विस लेते हैं तो उसके लिए आपको पेय करना पड़ेगा, जो आपकी जेब पर थोड़ी भारी पड़ सकती है.
इलेक्ट्रिक व्हीकल पर सरकार का फोकस
नितिन गडकरी ने कहा कि थोड़ा पैसा देकर अगर बेहतर सुविधा मिल रही है तो लोगों को इसकी शिकायत नहीं करनी चाहिए. बजट में कैपेक्स को लेकर सवाल पर गडकरी ने कहा कि पिछले 25 साल के बजट को देख लीजिए, ये आम बात है. सरकार का ग्रोथ पर फोकस है.
उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक व्हीकल पर देश में तेजी से काम हो रहा है. अब इलेक्ट्रिक ट्रक और इलेक्ट्रिक बसें बन रही हैं. आने वाले दिनों में चीन अमेरिका से ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहन भारत एक्सपोर्ट करने वाला है, क्योंकि कीमतों कम होंगी. लीथियम आयरन बैट्री लगातार सस्ती हो रही हैं.
उन्होंने कहा कि अगले 6 महीने में पेट्रोल, डीजल और इलेक्ट्रिक गाड़ियों की कीमतें एक बराबर हो जाएंगी, फिर लोग पेट्रोल-डीजल की गाड़ियां लेने से कतराएंगे, क्योंकि उसी कीमत पर इलेक्ट्रिक गाड़ियां मिलने लगेंगी. चार्जिंग स्टेशन की कमियां धीरे-धीरे दूर हो रही हैं, आने वाले सालों में लोगों की शिकायतें दूर हो जाएंगी. उन्होंने साथ ही कहा कि व्हीकल कंपनियां अब ज्यादा पावरफुल गाड़ियां लॉन्च कर रही हैं, जो कि सिंगल चार्ज में लंबी दूरी तय कर करती हैं.
यमुना भी साफ हो सकती है?
देश में करीब 400 स्टॉर्टअप हैं, जो इलेक्ट्रिक व्हीकल पर काम रहे हैं, बेहद कम दाम में इलेक्ट्रिक स्कूटर लॉन्च हो रहे हैं. यही नहीं, इथेनॉल की कीमतें भी कम की जाएंगी, इसपर बात चल रही है.
नितिन गडकरी ने बताया कि दिल्ली में एयर पॉल्यूशन एक गंभीर समस्या है. दिल्ली में पेट्रोल-डीजल की गाड़ियों को कम करना बेहद जरूरी है. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली में रहने वालों की आयु प्रदूषण की वजह से 10 साल तक घट रही है. उन्होंने कहा कि सच्चे मन से अगर काम किया जाए, यमुना भी साफ हो सकती है. उन्होंने बताया कि यमुना साफ करने किए केंद्र की ओर से 6000 करोड़ रुपये दिए गए थे. इसमें दिल्ली सरकार को 15 फीसदी देना था. लेकिन उन्होंने पैसे नहीं दिए.
उन्होंने कहा कि बड़े काम करना आसान नहीं है, लेकिन रोने से कुछ नहीं होने वाला है. टोल से इनकम 55 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा हो रही है. दिल्ली में 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियों की स्क्रैपिंग पर उन्होंने कहा कि ये पॉलिसी दिल्ली को ध्यान में रखकर लाई गई. क्योंकि दिल्ली में प्रदूषण एक बड़ी समस्या है. पुरानी गाड़ियों की स्क्रैपिंग पर नई के मुकाबले 10 फीसदी तक राशि मिल जाती है. उन्होंने कहा कि देश के कई राज्यों में ऐसी बसें हैं, जहां हॉर्न छोड़कर पूरी गाड़ी बजती हैं. अब ऐसी व्यवस्था को बदलनी है.