रेल बजट में यात्री किराया और नहीं बढाया गया है लेकिन टिकट पर अन्य शुल्क अवश्य लगा दिये गये हैं. माल भाडे में भी पांच प्रतिशत से कुछ कम की बढोतरी की गयी है.
बतौर रेल मंत्री अपना पहला रेल बजट पेश करते हुए पवन कुमार बंसल ने लोकसभा में कहा कि वह डीजल कीमतों को नियंत्रण मुक्त किये जाने के फैसले का असर फिलहाल यात्रियों पर नहीं होने देना चाहते . इससे रेलवे पर 850 करोड रूपये का बोझ पडेगा. याद रहे पिछले महीने ही बंसल किराया बढोतरी कर चुके हैं.
बंसल 17 साल में कांग्रेस के पहले मंत्री हैं, जिसने रेल बजट पेश किया है. उन्होंने करीब 75 मिनट बजट भाषण किया और कुछ मौकों पर अपनी बात कविता के माध्यम से रखी.
टिकट पर कुछ शुल्क मामूली बढाये गये हैं, उनमें सुपरफास्ट गाडियों पर शुल्क, आरक्षण शुल्क, क्लर्क शुल्क, टिकट रद्द कराने का शुल्क और तत्काल शुल्क शामिल हैं. हालांकि बंसल ने यह नहीं बताया कि ये शुल्क कितने बढेंगे.
जनवरी में बंसल ने किराया बढोतरी की थी, जिससे रेलवे को 6600 करोड़ रुपये की वार्षिक आय होगी.
डीजल और बिजली की कीमतों में बढोतरी से हालांकि रेलवे पर 3300 करोड रूपये का अतिरिक्त बोझ पडेगा और चालू वित्त वर्ष में उसे 24600 करोड रूपये का नुकसान होने का अनुमान है. 2011-12 में यह घाटा 22500 करोड रुपये था.
बंसल ने कहा कि रेलवे शुल्क नियामक प्राधिकरण बनाने का प्रस्ताव तैयार हो गया है और अब इस बारे में अंतर मंत्रालयी सलाह मशविरा चल रहा है. बजट में 67 नयी एक्सप्रेस ट्रेनें, 26 नयी पैसेंजर ट्रेनें चलाने का प्रस्ताव किया गया है जबकि 57 ट्रेनों का विस्तार किया गया है.