मोदी सरकार एक फरवरी को अपना बजट पेश करने वाली है. कयास लगाया जा रहा है कि सरकार इस बार ग्रामीण भारत से जुड़े क्षेत्रों में कई तरह की सब्सिडी का ऐलान करेगी. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि 2018 में देश में 8 चुनाव होने वाले हैं.
मालूम हो कि गुजरात विधानसभा चुनाव में ग्रामीण इलाकों से वोट बैंक कम होने के बाद सरकार यह बिल्कुल भी नहीं चाहेगी कि आने वाले चुनावों में उसे नुकसान हो. इसलिए चुनाव के पहले कृषि, कर्ज और नौकरियों जैसे क्षेत्रों में सरकार बजट के जरिये ट्रंप कार्ड खेल सकती है.
इन चुनावों का करना है सामना...
बता दें कि फरवरी में मेघालय, नागालैंड और त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. फिर इसी साल अप्रैल में 224 विधानसभा सीटों वाले कर्नाटक में भी चुनाव है. इसके अलावा नवंबर में 40 विधानसभा सीटों वाले मिजोरम में भी विधानसभा चुनाव होंगे.
इन चार राज्यों के अलावा सरकार का ध्यान सबसे ज्यादा यदि कहीं है तो वो है राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़. इन तीनों राज्यों में साल के अंत में चुनाव होने वाले हैं. बीजेपी का गढ़ कहे जाने वाले इन तीनों राज्यों में बीजेपी की कोशिश सत्ता में वापसी की रहेगी.
ज्ञात हो कि बीते कुछ महीनों में इन तीनों ही राज्यों में किसान आंदोलन हुए हैं. जिसका सर्वाधिक असर ग्रामीण इलाकों में पड़ा है. कहा तो यह भी जा रहा है कि इन राज्यों से ग्रामीण वोट बैंक बीजेपी के हाथ से लगातार फिसलता जा रहा है. इसीलिए सरकार बजट में ग्रामीण क्षेत्रों पर ख़ास ध्यान दे सकती है.
विधानसभा चुनावों के अलावा कई राज्यों में लोकसभा सीटों पर उपचुनाव होंगे. उत्तर प्रदेश की गोरखपुर और फूलपुर, बिहार की अररिया, जम्मू-कश्मीर में अनंतनाग, महाराष्ट्र की भंडारा-गोंदिया लोकसभा सीटों पर जनवरी-फरवरी के बीच उपचुनाव होंगे.
1.3 अरब जनसंख्या में से 68 प्रतिशत आबादी ग्रामीण...
गौरतलब है कि भारत की 1.3 अरब जनसंख्या में से 68 प्रतिशत आबादी ग्रामीण इलाकों में रहती है. चुनाव के दौरान मोदी ने किसानों को 2022 तक आमदनी दोगुनी करने का भी वादा किया था. ऐसे में अपने आखिरी बजट में सरकार जरूर किसानों के लिए कोई बड़ा कदम उठाएगी.
वित्त मंत्री अरुण जेटली भी यह कह चुके हैं कि कृषि क्षेत्र उनकी सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है. बजट में इस क्षेत्र पर सरकार विशेष ध्यान देगी. देश के विकास में यह क्षेत्र सबसे महत्वपूर्ण भी है.
कुछ इकॉनोमिस्ट के मुताबिक, यदि मोदी सरकार कृषि बजट पर ध्यान देगी तो इसका फायदा देश की अर्थव्यवस्था को होगा. क्योंकि 2014 और 2015 में लगातार सूखा पड़ने के कारण कृषि क्षेत्र की विकास दर 1 प्रतिशत रही है. जिसे बढ़ाने के लिए मोदी सरकार पहले ही कई स्कीम ग्रामीण इलाकों में चला रही है. ऐसे में यदि कृषि क्षेत्र में सरकार बजट कम करती है तो इसका नुकसान सरकार को हो सकता है.