विभिन्न मंत्रालयों को होने वाला आवंटन प्रदर्शन यानी उनके पिछले काम के टारगेट पूरा करने के आधार पर करने की योजना तैयार हो गई है. हर मंत्रालय के लिए प्रदर्शन आधारित 'आउटकम बजट' निर्धारित करने का प्लान संसद में शुक्रवार को पेश हो सकता है.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने यह जानकारी दी है. राजीव कुमार ने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि 9 फरवरी को संसद में एक ऐसा दस्तावेज पेश किया जाएगा जो आपने पहले कभी नहीं देखा होगा. यह एक प्रदर्शन आधारित विस्तृत आउटकम बजट दस्तावेज होगा. नीति आयोग इस पर छह महीने से काम कर रहा है और हमने प्रदर्शन आधारित इस दस्तावेज में लाइन बाइ लाइन 740 मद तैयार किए हैं, जिसे हर मंत्रालय को अपनाना होगा. हर लाइन में मंत्रालय के लिए टारगेट निर्धारित है.'
घर-घर सर्वे से आएगा रोजगार का आंकड़ा
उन्होंने बताया कि इसके अलावा नीति अयोग पहली बार सभी घरों के सर्वे के आधार पर रोजगार आंकड़े जारी करने की योजना बना रहा है. इसके लिए आंकड़े जुटाए जा रहे हैं. ऐसा पहला आंकड़ा इस साल अक्टूबर माह में जारी किया जाएगा. इसके बाद हर तिमाही सर्वे आधारित रोजगार आंकड़े जारी किए जाएंगे. नीति आयोग में एक पेरोल डेटा यूनिट भी तैयार करने की कोशिश हो रही है.
उन्होंने बताया कि नीति आयोग का स्कूल एजुकेशन क्वालिटी इंडेक्स तैयार है और यह जल्दी ही सभी राज्यों में जारी किया जाएगा. इस इंडेक्स से देश में स्कूली शिक्षा में सुधार करने में मदद मिलेगी.
क्या है आउटकम बजट
आउटकम बजट एक ऐसा तरीका है, जिसमें हर कार्यक्रम के क्रियान्वयन और उसके नतीजे का विश्लेषण कर फिर उसके आधार पर आगे का बजट तय किया जाता है. सिर्फ इस आधार पर मूल्यांकन नहीं किया जाता कि पैसा कितना खर्च हुआ, बल्कि यह भी देखा जाता है कि कितना काम हुआ, मसलन कितने किलोवॉट बिजली पैदा की गई, या कितने किमी सड़क बनाई गई.