आम बजट 2017-18 को पेश करते हुए हालांकि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि एक्साइज और कस्टम ड्यूटी पर किए गए बजट प्रावधान का कोई खास असर केंद्र सरकार के खजाने पर नहीं पड़ेगा, लेकिन इससे एक बात साफ है कि इन प्रस्तावों से देश में कई चीजों के दाम या तो बढ़ जाएंगे या सस्ते हो जाएंगे.
इन चीजों की कीमतों में आई गिरावट
पवन चक्की, आरओ, पीओएस, पार्सल, चमड़े का सामान, सौर पैनल, प्राकृतिक गैस, बायोगैस, नायलॉन, ऑनलाइन रेल टिकट, सिल्वर फॉयल, सौर ऊर्जा, डिब्बाबंद सब्जियां, नमक, जीवन रक्षक दवाइयां, एलसीडी एवं एलईडी, फिंगर प्रिंट रीडर एवं स्कैनर, एलईडी लैंप, मोबाइल के लिए प्रिंटेड सर्किट बोर्ड, माइक्रो एटीएम (POS), फिंगर प्रिंट मशीन और आइडेंटिफिकेशन के लिए आइरिस स्कैन की कीमतों में गिरावट दर्ज हो सकती है.
इन चीजों के बढ़े दाम
वहीं बजट में किए गए प्रस्तावों के बाद मोबाइल फोन, पान मसाला, सिगरेट, सिगार, बीड़ी, तंबाकू, एलईडी बल्ब, चांदी का सामान, हार्डवेयर, स्टील का सामान, ड्राय फ्रूट्स, चांदी के गहने, एल्यूमीनियम, मोबाइल फोन विनिर्माण में काम आने वाले प्रिंटेड सामान, एलईडी बल्ब विनिर्माण में उपयोग होने वाले कल-पुर्जे, पार्सल के जरिए आयातित सामान, वाटर फिल्टर मेंब्रेन, स्टेनलेस स्टील टेप्स, चमड़े के फुटवियर, विदेशी साइकिल.
अरुण जेटली ने बताया कि जीएसटी परिषद ने व्यापक बहस और विचार-विमर्श के बाद सहमति पर आधारित लगभग सभी मुद्दों पर अपनी सिफारिशों को अंतिम रूप दे दिया है. सरकार ने अपनी ओर से जीएसटी परिषद के गठन सहित संविधान संशोधन अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों को तुरंत प्रभाव से लागू किया है. जीएसटी परिषद ने जीएसटी कर ढांचे की व्यापक रूपरेखा, समझौता योजना के लिए न्यूनतम छूट और मानदंड, जीएसटी लागू करने के कारण राज्यों को दी जाने वाली प्रतिपूर्ति का विवरण, नमूना जीएसटी कानून के मसौदे का परीक्षण, एकीकृत जीएसटी कानून और प्रतिपूर्ति कानून तथा जीएसटी के प्रशासनिक तंत्र सहित जीएसटी से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के लिए 9 बैठकों का आयोजन किया.
जेटली ने बताया कि जीएसटी के लिए आईटी प्रणाली की तैयारी भी की जा रही है. वित्त मंत्री ने अपने भाषण में बताया कि जीएसटी के लिए व्यापार और उद्योग तक पहुंच बनाने के लिए व्यापक प्रयास 01 अप्रैल, 2017 से शुरू होंगे, ताकि व्यापार और उद्योग जगत को नई कर प्रणाली के बारे में जागरूक किया जा सके.
सबसे बड़ा कर सुधार है जीएसटी
जीएसटी स्वतंत्रता के बाद सबसे बड़ा कर सुधार है. राज्यों और केंद्रीय सीमा शुल्क और उत्पाद शुल्क बोर्ड के अधिकारियों की अनेक टीमें मॉडल जीएसटी कानून, नियम और अन्य विवरणों को अंतिम रूप देने के लिए कार्य कर रही है. जेटली ने कहा कि सरकार केंद्रीय सीमा शुल्क और उत्पाद शुल्क बोर्ड के माध्यम से सहकारी संघवाद की भावना से समझौता किए बिना निर्धारित समय अनुसार जीएसटी लागू करने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए निरंतर प्रयासरत रहेगी.