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बजट से पहले मोदी सरकार का देशवासियों को तगड़ा झटका, 14 फीसदी बढ़ा रेल किराया

अच्छे दिन लाने के वादे के साथ सत्ता में आई मोदी सरकार ने देश की जनता को महंगाई का जबरदस्त झटका दिया है.  सभी श्रेणियों के यात्री किराये में 14.2 प्रतिशत और माल भाड़े में 6.5 प्रतिशत की वृद्धि की है. किराये भाड़े में यह बढ़ोतरी आज से ही प्रभावी हो गई है.

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भारतीय रेल
भारतीय रेल

अच्छे दिन लाने के वादे के साथ सत्ता में आई मोदी सरकार ने देश की जनता को महंगाई का जबरदस्त झटका दिया है.  सभी श्रेणियों के यात्री किराये में 14.2 प्रतिशत और माल भाड़े में 6.5 प्रतिशत की वृद्धि की है. किराये भाड़े में यह बढ़ोतरी 25 जून से प्रभावी होगी.

रेलवे की किराया वृद्धि के बारे में आज की घोषणा के तहत इस बारे में 16 मई के फैसले को ही बहाल किया गया है. तब लोकसभा चुनाव परिणाम आने के दिन किराया वृद्धि की घोषणा की गई थी लेकिन तुरंत उस पर अमल को रोक दिया गया था.

बढ़े किराये पर रेल मंत्री सदानंद गौड़ा ने दलील दी है कि मुझे मजबूरी में अंतरिम बजट का प्रस्ताव लागू करना पड़ा. ये अंतरिम बजट यूपीए सरकार का था.

बढ़े किराये पर विपक्ष का हमला
जेडीयू के वरिष्ठ नेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है ये अच्छे दिन की शुरुआत नहीं है. वहीं सपा नेता नरेश अग्रवाल ने कहा है कि बजट से पहले किराये बढ़ाने का क्या औचित्य है? आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने भी मोदी सरकार पर कड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने देश में अच्छे दिन लाने का झांसा दिया.

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पहले ही सरकार ने दे दिए थे संकेत
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले सरकार ने रेल किराये बढ़ाने के संकेत दे दिए थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा था कि अच्छे दिन लाने के लिए कुछ कड़वे फैसले लेने जरूरी है. रेलवे के बढ़े हुए किराए में फ्यूल एडजस्टमेंट चार्ज शामिल है.

रेल मंत्री सदानंद गौड़ा ने गुरुवार को वरिष्ठ रेल अधिकारियों के एक सम्मेलन में किराये में बढ़ोतरी के बारे में कहा था कि तीन-चार दिन में किसी निष्कर्ष पर पहुंच जायेंगे. लेकिन आज ही सरकार ने किराया बढ़ा दिया.

नकदी संकट से जूझ रहे रेल बोर्ड ने यात्री किराये में 14.2 प्रतिशत तथा माल भाड़े में 6.5 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव किया था. रेलवे में एफडीआइ के सवाल पर गौड़ा ने कहा था कि, ‘हमारे पास संसाधनों की कमी है. यह सारी दुनिया जानती है. इसलिए रेलवे की शीर्ष प्राथमिकता के रूप में कुछ संसाधन जुटाने होंगे.’

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