अब रेल किराया और माल भाड़ा मंत्रालय की बजाय रेल टैरिफ अथॉरिटी तय करेगी. बुधवार को संसद में अंतरिम रेल बजट पेश करते हुए रेल मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे ने यह घोषणा की. रेल मंत्री ने हालांकि अपने भाषण में रेल किराये में किसी तरह के बदलाव की घोषणा नहीं की. लेकिन किराया बढ़ाने की दिशा में एक अहम ऐलान किया.
रेल मंत्री ने अपने बजट भाषण में टैरिफ अथॉरिटी की जानकारी देने से पहले उन्होंने यह मशहूर शेर पढ़ा, 'कभी चिलमन से वो झांके, कभी चिलमन से हम झांके। लगा दो आग चिलमन में, न वो झांकें, न हम झांकें।' इसके बाद खड़गे ने लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार को संबोधित करते हुए कहा, 'मैडम, हमने चिलमन में आग लगा दी.'
खड़गे ने कहा कि लीक से हटकर किए गए फैसले के अनुसार सरकार को किराया और मालभाड़ा तय करने के बारे में सलाह देने के लिए एक स्वतंत्र रेल टैरिफ अथॉरिटी की स्थापना की जा रही है. अब किराया तय करना पर्दे के पीछे का काम नहीं होगा जहां यूजर गुप्त रूप से ही पता लगा सकते थे कि दूसरी ओर क्या हो रहा है?
रेल मंत्री ने कहा कि रेल टैरिफ अथॉरिटी रेलवे की जरूरतों पर ही विचार नहीं करेगा, बल्कि एक पारदर्शी प्रक्रिया के जरिये सभी स्टेक-होल्डर्स को भी शामिल करके कीमत तय करने की व्यवस्था शुरू करेगा. इससे किराया और माल भाड़ा अनुपात को बेहतर बनाने के लिए रेल किराये और माल भाड़े का युक्तिसंगत ढांचा तैयार करने का दौर शुरू होगा. धीरे–धीरे विभिन्न क्षेत्रों के बीच क्रॉस-सब्सिडाइजेशन को कम किया जा सकेगा. उम्मीद है कि इससे रेलवे की वित्तीय स्थिति सुधारने में मदद मिलेगी और राजस्व प्रवाह की अस्थिरता कम करके स्थिरता लाई जा सकेगी.