भारतीय रेलवे ने सुरक्षा के मद्देनजर संवेदनशील मार्ग पर चलने वाली ट्रेनों में चढ़ते समय यात्रियों की वीडियोग्राफी की योजना बनाई है. इसके अलावा रेलवे विशेष कमांडो प्रशिक्षण केन्द्र का गठन भी करेगी जो माओवाद प्रभावित क्षेत्रों से गुजरने वाली ट्रेनों की सुरक्षा में तैनात आरपीएफ कर्मियों को ट्रेनिंग देने का काम करेगा.
आरपीएफ इंवेस्टिट्यूर परेड समारोह से इतर रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा, ‘सभी संवेदनशील ट्रेनों पर सुरक्षा एस्कॉर्ट मुहैया कराने का हम प्रयास कर रहे हैं. हमने कुछ चुनिंदा ट्रेनों के सभी यात्रियों की वीडियोग्राफी शुरू करवा दी है ताकि जानकारी मिल सके कि इन ट्रेनों में कौन सफर कर रहा है.’
उन्होंने कहा कि सभी डिब्बो में निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने की भी योजना है. प्रभु ने कहा, ‘माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में तैनाती के लिए आरपीएफ कर्मियों के प्रशिक्षण के लिए हम कमांडो प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित करने के लिए उपयुक्त जमीन खोज रहे हैं.’
यात्रियों, विशेष रूप से महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए रेल मंत्री ने कहा, ‘जल्दी ही अलग महिला वाहिनी गठित होगी. फिलहाल आरपीएफ में 1,400 महिलाएं कार्यरत हैं और जल्दी ही और 1,000 की भर्ती होने वाली है.’
उन्होंने कहा, ‘हमने आरपीएफ की महिला कर्मियों के पृथक बैरक के लिए 48 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं. आरपीएफ अपनी महिला वाहिनी के लिए 12 बैरकों का निर्माण करेगा.’
आरपीएफ की तारीफ करते हुए केन्द्रीय रेल मंत्री ने कहा, ‘यात्रियों की रक्षा और सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है. रेलवे में आरपीएफ के साथ मिलकर जीआरपी यह काम कर रही है.’