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12 लाख तक टैक्‍स फ्री... फिर बजट वाले दिन क्‍यों नहीं चढ़ा शेयर बाजार, अब आगे क्‍या होगा?

मिडिल क्‍लास को राहत देते हुए शनिवार को नए टैक्‍स रिजीम के तहत 12 लाख रुपये तक की सालाना इनकम पर टैक्‍स छूट का ऐलान किया गया, लेकिन शेयर बाजार में इसा उत्‍साह दिखाई नहीं दिया. शेयर बाजार लगभग फ्लैट ही रहा. Sensex करीब 5 अंक चढ़कर 77505.96 पर बंद हुआ, जबकि Nifty 26 अंक चढ़कर 23,482.15 पर क्‍लोज हुआ.

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बजट के दिन फ्लैट लेवल पर बंद हुआ शेयर बाजार
बजट के दिन फ्लैट लेवल पर बंद हुआ शेयर बाजार

मिडिल क्‍लास को राहत देते हुए शनिवार को नए टैक्‍स रिजीम के तहत 12 लाख रुपये तक की सालाना इनकम पर टैक्‍स छूट का ऐलान किया गया, लेकिन शेयर बाजार में इसा उत्‍साह दिखाई नहीं दिया. शेयर बाजार लगभग फ्लैट ही रहा. Sensex करीब 5 अंक चढ़कर 77505.96 पर बंद हुआ, जबकि Nifty 26 अंक चढ़कर 23,482.15 पर क्‍लोज हुआ. 

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अब एक्‍सपर्ट्स ने इसे लेकर अपना-अपना व्‍यू रखा है कि आखिर क्‍यों बजट वाले दिन टैक्‍स में बड़ी राहत मिलने के बाद भी तेजी नहीं आई? साथ ही यह भी जानकारी दी है कि अब आगे मार्केट का नजरिया क्‍या रह सकता है. 

बिजनेस टुडे पर छपी रिपोर्ट, विजडम हैच के फाउंडर और फाइनेंस एक्‍सपर्ट अक्षत श्रीवास्तव ने कहा अगर आप 12 लाख कमाते हैं, तो आप 80 हजार से 1 लाख रुपये तक की बचत करेंगे. उन्होंने अनुमान लगाया कि लगभग 1.4 करोड़ टैक्‍सपेयर्स को इन सेविंग से लाभ होगा, जो लगभग ₹1.4 लाख करोड़ के बराबर है. यानी कि एक बड़ी राशि दूसरे कामों में खर्च या सेव हो सकती है.

क्‍यों नहीं चढ़ा शेयर बाजार? 
उन्‍होंने कहा कि डिस्पोजेबल इनकम में संभावित ग्रोथ के बावजूद, शेयर बाजार की प्रतिक्रिया निराशाजनक रही है. श्रीवास्तव ने कहा, 'शेयर बाजार ने वास्तव में कोई सकारात्मकता (अभी तक) नहीं दिखाई है क्योंकि भारतीय बाजार अभी भी विदेशी निवेशकों के लिए आकर्षक नहीं है.' उन्होंने इसके लिए भारत की धीमी इकोनॉमी ग्रोथ रेट को जिम्मेदार ठहराया, जिसने निवेशकों के सेंटीमेंट को वीक कर दिया. 

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श्रीवास्तव सतर्कतापूर्वक आशावादी बने हुए हैं, उनका कहना है कि निजी उपभोग की बढ़ती मांग विदेशी निवेश को आकर्षित कर सकती है. उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि प्राइवेट कंजम्‍पशन की बढ़ती मांग के साथ ही विदेशी निवेशक भी भारत में उच्च रिटर्न के अवसर देखेंगे. 

इन सेक्‍टर्स ने किया निराश
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के विनोद नायर ने कहा कि बाजार ने केंद्रीय बजट पर मिली-जुली प्रतिक्रिया दी है, जिसका मुख्य कारण वित्त वर्ष 26 के लिए कैपिटल एक्‍सपेंडेचर में मामूली 10% सालाना ग्रोथ है, जो उम्मीदों से कम है. उन्होंने आगे कहा कि रेलवे, डिफेंस और इंफ्रा जैसे सेक्‍टर्स जो आम तौर पर मार्केट के परफॉर्मेंश को प्रभावित करते हैं. इस सेक्‍टर्स में सीमित लाभ देखने को मिला. दूसरी ओर, कंजम्‍पशन बेस्‍ड सेक्‍टर्स, जिन्हें बढ़ी हुई डिस्पोजेबल इनकम से लाभ मिलने की उम्मीद थी, उनका प्रभाव कम रहा. 

आगे कैसी रहेगी बाजार की चाल 
रेलिगेयर ब्रोकिंग के रिसर्चर अजीत मिश्रा ने कहा कि केंद्रीय बजट का प्रभाव अगले सत्र में भी बना रह सकता है. खास तौर पर कंजम्‍पशन सेक्‍टर्स में इसका असर दिख सकता है. उन्होंने कहा कि निफ्टी मौजूदा स्तरों के आसपास रह सकता है, क्योंकि निवेशक स्पष्ट संकेतों का इंतजार कर रहे हैं, आगामी सेशन से बाजार की चाल प्रभावित होने की संभावना है. 

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(नोट- किसी भी शेयर में खरीदारी से पहले वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें.) 

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