ये बात लगभग साफ है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली बजट 2017 में टैक्स को लेकर क्या कदम उठाने वाले हैं. चाहे बात हो डायरेक्ट टैक्स (प्रत्यक्ष कर) की या इनडायरेक्ट टैक्स (अप्रत्यक्ष कर) की. ये साफ है कि वह टैक्स को लेकर क्या रणनीति अपनाने वाले हैं.
गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) लाए जाने के साथ ही इनडायरेक्ट टैक्स में रेट को लेकर किए गए बदलाव जिन्हें जीएसटी काउंसिल ने मंजूरी नहीं दी है कुछ ही दिनों में खत्म कर दिए जाएंगे.
मोटे तौर पर जीएसटी के दर की जानकारी सबको है ही, लेकिन जीएसटी काउंसिल ने विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं के लिए लगाए जाने वाली दरों को अंतिम रूप नहीं दिया है. हालांकि व्यापक रूप से यह उम्मीद जताई जा रही है कि सेवाओं के लिए 12 और 18 प्रतिशत की दर पर कर लगाया जाएगा. फिलहाल 15 प्रतिशत की दर से टैक्स लिया जाता है.
बेसल मैटाबॉलिक रेट यानी बुनियादी चयापचय दर (बीएमआर) के सलाहकार राजीव डीमरी का कहना है कि सेवाओं के लिए लागू कर में बदलाव लाने और इनपुट क्रेडिट की शुरुआत होने वाली है.