देश का अंतरिम बजट (Interim Budget 2023) आगामी एक फरवरी 2023 को पेश होने वाला है. इसे पेश करने की सभी तैयारियां पूरी हो गई हैं. भले ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ऐलान कर चुकी हैं कि इस अंतरिम बजट में कोई बड़ी घोषणा नहीं होगी, फिर भी इसपर पूरी देश की निगाहें टिकी हैं. बजट इतिहास को देखें तो देश में ऐसे वित्त मंत्री (Finance Minister) भी रहे हैं, जो कि इस पद पर रहने के बावजूद अपने कार्यकाल में कोई बजट पेश नहीं कर सके.
निर्मला सीतारमण का ये छठा बजट
देश की वित्तीय सेहत की जिम्मेदारी उठाने के लिए आजाद भारत के इतिहास में अब तक 34 वित्त मंत्री बन चुके हैं और वर्तमान में पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) इस पद को संभाल रही हैं. फाइनेंस मिनिस्टर के रूप में उनका ये लगातार छठा बजट होगा. अपने कार्यकाल के दौरान निर्मला सीतारमण के नाम अब तक का सबसे लंबा बजट भाषण (Longest Budget Speach) पढ़ने का रिकॉर्ड भी है, जो 2 घंटे 41 मिनट का था.
केसी नियोगी नहीं पढ़ सके बजट
देश के पूर्व वित्त मंत्री क्षितिश चंद्र नियोगी (KC Niyogi) फाइनेंस मिनिस्टर के पद पर तो रहे, लेकिन देश का आम बजट पेश नहीं कर सके. दरअसल, वे महज 35 दिनों तक साल 1948 में वित्त मंत्री रहे थे, उन्होंने आरके शणमुखम शेट्टी (R.K. Shanmukham Chetty) की जगह ये जिम्मेदारी संभाली थी, लेकिन पद संभालने के महज 35 दिन बाद ही उन्होंने अपना इस्तीफा सौंप दिया था. इस अवधि में उन्हें बजट पेश करने का मौका नहीं मिल सका.
आजाद भारत के दूसरे वित्त मंत्री थे नियोगी
भले ही बेहद कम समय के लिए केसी नियोगी ने वित्त मंत्री के रूप में अपनी सेवाएं दीं. लेकिन इसके चलते वे आजाद भारत के दूसरे वित्त मंत्री के रूप में पहचाने जाने लगे. उनके वित्त मंत्री के पद से इस्तीफा देने के बाद के बाद जॉन मथाई देश के नए यानी तीसरे फाइनेंस मिनिस्टर बने. इसके बाद मथाई ने उस वित्त वर्ष का बजट भाषण संसद में पेश किया था.
एच एन बहुगुणा भी नहीं कर सके ये काम
बजट पेश न कर पाने वाले वित्त मंत्रियों की लिस्ट में अगला नाम आता है हेमवती नंदन बहुगुणा (H N Bahuguna) का, जिन्होंने इस पद को संभाला लेकिन आम बजट पेश करने का मौका उन्हें भी नहीं मिल पाया. बहुगुणा के साथ भी केसी नियोगी जैसी ही स्थिति बनी, क्योंकि उनका कार्यकाल भी महज साढ़े पांच महीने का रहा. हेमवती नंदन बहुगुणा साल 1979 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सरकार (Indira Gandhi Govt) में वित्त मंत्री बने थे, लेकिन उनके कार्यकाल के दौरान भी बजट पेश नहीं हो सका.
मोरारजी देसाई की बराबरी करेंगी सीतारमण
आजाद भारत के बजट इतिहास में सिर्फ सबसे लंबा या सबसे छोटा बजट भाषण का रिकॉर्ड ही शामिल नहीं है, बल्कि सबसे ज्यादा बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड भी शामिल है. ये रिकॉर्ड लंबे समय तक भारत के वित्त मंत्री रहे मोरार जी देसाई (Morarji Desai) के नाम जाता है. मोरारजी देसाई ने वित्त मंत्री के रूप में 10 बार देश का बजट पेश किया है. इसमें आठ बजट और दो अंतरिम बजट शामिल हैं.
अब साल 2024 को अंतरिम बजट पेश करने के बाद वित्त मंत्रि निर्मला सीतारमण पूर्व पीएम और फाइनेंस मिनिस्टर देसाई की बराबरी में खड़ी हो जाएंगी. दरअसल, सीतारमण अपने कार्यकाल में 5 पूर्ण और 1 अंतरिम बजट पेश करके ऐसा करेंगी. बता दें कि वित्त मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, मोरारजी देसाई ने भी 1959 से 1964 तक 5 पूर्ण बजट और एक अंतरिम बजट पेश किया था.