साल 2016-17 पेश करते हुए वित्तमंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को आधार कार्ड (यूआईडीएआई) से जुड़ा एक बड़ा ऐलान किया. उन्होंने कहा कि आधार कार्ड के लिए कानून बनाकर इसे संवैधानिक दर्जा दिया जाएगा. यूआईडीएआई फिलहाल एक आदेश के तहत 12 अंकों का आधार कार्ड जारी कर रहा है. इसकी वजह से आधार को कानूनी दर्जा नहीं मिलने को बताया जा रहा है.
सब्सिडी का जरिया भी बनेगा आधार
जेटली ने कहा कि सरकार ने फैसला किया है कि आधार कार्ड को संवैधानिक दर्जा देने के लिए एक बिल लेकर आएगी. इसको संसद से पास कराया जाएगा. इसके बाद सरकार की विभिन्न सब्सिडी स्कीम को आधार कार्ड से जोड़ा जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था- अनिवार्य नहीं आधार
हर भारतीय नागरिक को आवासीय प्रमाणपत्र के तौर पर भी आधार कार्ड का इस्तेमाल होता है. केंद्र सरकार ने जनवरी 2009 में योजना आयोग के अधीन काम करने के लिए यूआईडीएआई का गठन किया था. इसके तहत देश के सभी नागरिकों को मल्टीपरपज नेशनल आइडेंटिफिकेशन कार्ड जारी किया जाता है. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल कहा था कि आधार कार्ड अनिवार्य नहीं है. सरकारी योजनायों से यह जोड़ा जा सकता है, लेकिन यह किसी भी लाभ का आधार नहीं बन सकता.
कई सरकारी अभियानों से जुड़ेगा आधार
वित्त मंत्री जेटली ने बजट भाषण में ऐलान किया कि जल्द ही एक भारत-श्रेष्ठ भारत अभियान को लॉन्च किया जाएगा. इसके तहत विभिन्न राज्यों को संस्कृति के आधार पर एक-दूसरे से जोड़ा जायेगा. जनता का पैसा जनता तक पहुंचाने के लिये टार्गेट डिलिवरी के लिये भी आधार नंबर का प्रयोग किया जाएगा. किसानों तक खाद पहुंचाने की योजना में भी आधार कार्ड को जोड़ा जाएगा.