आज बजट डे है. वित्त मंत्री अरुण जेटली जहां कई मोर्चों पर आम आदमी को राहत देंगे, तो कई जगहों पर वह अर्थव्यवस्था की खातिर कड़े फैसले भी ले सकते हैं, लेकिन आयकर छूट की सीमा बढ़ाने की बात लगातार हो रही है.
फिलहाल 2.5 लाख रुपये की इस सीमा को 3 लाख रुपये किए जाने की बात कही जा रही है. हालांकि यह आयकर छूट सीमा 5 लाख रुपये तक हो सकती है, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली अपने दिल की बात सुन लें.
2014 में की थी ये मांग
दरअसल मोदी सरकार में लगातार 5वीं बार बजट पेश कर रहे वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान खुद यह मांग उठाई थी. उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा था कि आयकर छूट की सीमा को 2 लाख से बढ़ाकर 5 लाख किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा था कि इससे 3 करोड़ से भी ज्यादा लोगों को फायदा पहुंचेगा.
पूरी नहीं हुई है मांग
उस समय भाजपा नेता के तौर पर जो मांग जेटली कर रहे थे, सत्ता में आने के बाद वह खुद भी अभी तक इस मांग को पूरा नहीं कर पाए हैं. पिछले 4 सालों के दौरान न सिर्फ महंगाई में इजाफा हुआ है, बल्कि इसके साथ ही आम लोगों का रहन-सहन भी महंगा हुआ है. अपने पिछले 4 बजटों में आयकर छूट सीमा को जेटली आम आदमी के लिए 2.5 लाख रुपये तक ले जा सके हैं . हालांकि उन्होंने टैक्स रेट में कटौती जरूर की है.
टैक्स रेट में की कटौती
2017 के बजट में उन्होंने 2.5 लाख से 5 लाख तक की आय वालों के लिए टैक्स रेट को 10 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया था. इसकी बदौलत टैक्स में मिलने वाली छूट के बूते इन लोगों को या तो जीरो टैक्स भरना पड़ता है या फिर उन्हें मौजूदा टैक्स देनदारी का 50 फीसदी भरना पड़ता है. बता दें कि इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87ए के तहत टैक्स छूट दी जाती है.
आयकर छूट की सीमा बढ़ाने की उठती रही है मांग
मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद भी कई बार ये मांग उठती रही है कि आयकर छूट की सीमा को 5 लाख तक किया जाए. जेटली इस सरकार के 5वें साल का बजट पेश करने जा रहे हैं. इसके साथ ही 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले उनके पास ये आखिरी मौका है कि वह जो मांग दूसरी पार्टियों से चुनाव के दौरान कर रहे थे, उस वादे को खुद पूरा करें.
इस बार बढ़ेगी आयकर छूट सीमा?
अब ये देखना होगा कि वित्त मंत्री अरुण जेटली खुद जिस मांग को 2014 में उठा रहे थे, क्या वह उसे पूरी करते हैं. अगर जेटली अपने दिल की बात सुनकर फैसला लेंगे, तो आयकर छूट की सीमा बढ़ाकर जेटली न सिर्फ अपनी ही उठाई मांग को पूरा करेंगे, बल्कि आम आदमी को एक बड़ा तोहफा भी मिलेगा.