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ओबामाकेयर से बड़ा 'मोदीकेयर', 50 करोड़ लोगों को होगा फायदा

मोदी सरकार ने चुनाव से पहले अपना बड़ा दाव चल दिया और अमेरिका में ओबामाकेयर की तर्ज पर देश में बड़ी स्वास्थ्य योजना शुरू करने का ऐलान किया है, जिसके दायरे में देश की करीब आधी आबादी आ जाएगी.

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सांकेतिक तस्वीरें
सांकेतिक तस्वीरें

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वित्त मंत्री अरुण जेटली ने चुनाव से पहले अपने अंतिम पूर्ण बजट में 'मास्टरस्ट्रोक' चल दिया है और अमेरिका की तर्ज पर अपने यहां महत्वाकांक्षी 'आयुष्यमान भारत' योजना लागू करने की घोषणा की है.

जेटली की यह घोषणा राष्ट्रपति बाराक ओबामा की ओबामाकेयर से मेल खाती है और इसे दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना बताया जा रहा है.

जेटली ने कहा कि स्वस्थ भारत के बिना देश की सफलता संभव नहीं है. इस योजना के तहत 5 लाख नए स्वास्थ्य केंद्र लोगों के घरों के पास बनेंगे. इसमें निजी क्षेत्र की कंपनियां भी भाग ले सकेंगी. साथ ही इस योजना के तहत 10 करोड़ परिवार यानी 50 करोड़ लोगों को प्रतिवर्ष 5 लाख रुपये की हॉस्प‍िटलाइजेशन की सुविधा सरकार मुहैया करेगी.

उन्होंने कहा कि 'आयुष्यमान भारत' योजना के तहत ये घोषणाएं नया भारत तैयार करेंगी. इससे रोजगार भी पैदा होंगे. 600 करोड़ टीवी मरीजों को मदद के तौर पर दिए जाएंगे. हर महीने इसके तहत 500 रुपये भी दिए जाएंगे.

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उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत 24 सरकारी मेडिकल कॉलेज तैयार किए जाएंगे. जिला अस्पतालों को इसके लिए अपग्रेड किया जाएगा. प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत माइक्रो इंश्योरेंस और पेंशन स्कीम की शुरुआत की जाएगी.

इंडिया टुडे के एडिटर अंशुमान तिवारी ने इस योजना के बारे में क्या कहा

उन्होंने कहा कि इसे भी ओबामाकेयर की तरह मोदीकेयर कहा जा सकता है. ओबामाकेयर जैसी नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम है. 50 करोड़ लोग इसमें जुड़ेंगे. 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य कवरेज है. लेकिन शुरुआती तौर पर यह बीमा स्कीम लगती है. इसके संबंध में विस्तृत जानकारी आने के बाद ही दी जा सकती है.

उन्होंने कहा कि अगर पूरे देश में नेशनल स्वास्थ्य बीमा योजना शुरू हुई तो इसके आधार पर अनुमानित क्लेम 2.5 खरब रुपये तक हो सकता है. बजट में इसके लिए कितना धन दिया गया है, इसे भी देखना होगा.

अंशुमान का कहना है कि मोदीकेयर पर उत्साहित होने से पहले पिछली प्रधानमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना का प्रदर्शन याद करना चाहिए. सरकारी इलाज बीमा योजनाओं का प्रदर्शन बहुत खराब रहा है. इस स्कीम से तात्कालिक फायदा निजी अस्पतालों को होता दिख रहा है.

क्या है ओबामाकेयर

राष्ट्रपति बाराक ओबामा ने अमेरिकी लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के मकसद से 2010 में एक हेल्थकेयर योजान शुरू की थी जिसे उनके ही के नाम से जाना गया और ओबामाकेयर कहा जाता है. वैसे आधिकारिक नाम द पेशंट प्रोटेक्शन एंड अफोर्डेबल केयर एक्ट (पीपीएसीए) है और 23 मार्च 2010 को इस बारे में कानून बना.

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इसका मकसद अमेरिका में स्वास्थ्य बीमा के स्तर और अफोर्डिबिलिटी को बढ़ाना और स्वास्थ्य मामलों पर लोगों द्वारा खर्च की जानेवाली रकम को कम करना है. क्वांटिटी के ऊपर क्वॉलिटी को तरजीह दिया गया. साथ ही इस कानून के तहत जिन लोगों के पास इंश्योरेंस कवर नहीं है, वो भी ओबामाकेयर का इस्तेमाल कर सकते हैं.

कितना है ओबामाकेयर का बजट

द बैलेंस डॉट कॉम के अनुसार, राष्ट्रपति बराक ओबामा ने 2010 में हेल्थ स्कीम की घोषणा करते हुए इसके बारे में कहा था कि स्कीम की शुरुआती 10 सालों (2010 से 2019) तक के लिए इसका बजट 940 बिलियन डॉलर रखा जाएगा. लेकिन 2 साल में ही इसका बजट काफी बढ़ गया.

कांग्रेसन बजट ऑफिस (CBO) ने बताया कि मार्च 2012 में इसका बजट शुरुआती अनुमान से लगभग दोगुना होते हुए 1.76 ट्रिलियन डॉलर यानी 11 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया.

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