केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज देश का बजट पेश करेंगी. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह पहला आम बजट है. इस बजट में नरेंद्र मोदी सरकार मिडिल क्लास को बड़ा तोहफा दे सकती है. सूत्रों के मुताबिक इनकम टैक्स छूट की सीमा को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये किया जा सकता है.
इसके अलावा 5 लाख से 8 लाख रुपये की आय पर 10 फीसदी के टैक्स स्लैब का ऐलान संभव है. अगर ऐसा होता है तो 5 साल बाद पहली बार टैक्स स्लैब में बदलाव होगा. इसके अलावा निवेश पर टैक्स छूट की सीमा को 1.50 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये का ऐलान संभव है. लेकिन सवाल है कि इसका फायदा आम लोगों को कैसे मिलेगा. आइए इस रिपोर्ट में समझते हैं...
अभी क्या है टैक्स स्लैब ?
अभी टैक्स स्लैब 2.50 लाख रुपये से शुरू होता है. यानी 2.50 लाख रुपये तक की सालाना कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगता है. वहीं 2.50 लाख रुपये से 5 लाख तक की कमाई वाले लोग 5 फीसदी टैक्स स्लैब में शामिल हैं. जबकि 5 लाख से 10 लाख की कमाई पर 20 फीसदी का टैक्स लगता है.
इसके अलावा 10 लाख से अधिक सालाना कमाई वाले लोग 30 फीसदी के टैक्स स्लैब में आते हैं. वहीं निवेश पर टैक्स छूट की सीमा 1.50 लाख रुपये है. इसके अलावा स्टैंडर्ड डिडक्शन 50 हजार रुपये का है. बता दें कि स्टैंडर्ड डिडक्शन आपकी सालाना कमाई का वो हिस्सा है, जिस पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होता है. इस छूट का फायदा उठाने के लिए आपसे आयकर विभाग किसी भी तरह का डॉक्युमेंट भी नहीं मांगता है. पहले स्टैंडर्ड डिडक्शन की रकम 40 हजार रुपये थी.बता दें कि टैक्स के साथ 4% का सेस भी लगता है.
अगर बदलाव हुआ तो क्या?
अगर सूत्रों के मुताबिक स्लैब में बदलाव होता है तो 3 लाख तक की कमाई करने वाले लोगों को टैक्स के जाल से मुक्ति मिलेगी. वहीं 5 लाख से 8 लाख रुपये की आय पर 10 फीसदी का स्लैब लागू हुआ तो एक बहुत बड़े वर्ग को राहत मिलेगी. उदाहरण से समझें तो अभी रमेश की सालाना कमाई 8 लाख रुपये है. उसका रमेश कमाई के हिसाब से 20 फीसदी के स्लैब में आता है.
सीधी भाषा में समझें तो रमेश को 8 लाख रुपये की कमाई पर अभी 12,500 रुपये रिबेट + 20% of (कुल कमाई - 5,00,000 रुपये) + 4% सेस देना होता है. अगर स्लैब में बदलाव हुआ तो रमेश को 8 लाख की कमाई पर सिर्फ 10 फीसदी टैक्स देना होगा. हालांकि रमेश निवेश और स्टैंडर्ड डिडक्शन की छूट का फायदा उठाकर टैक्स के झंझट से बच सकता है.
अंतरिम बजट में क्या हुआ था बदलाव
अंतरिम बजट में 5 लाख तक की कमाई वाले लोगों को रिबेट का ऐलान किया गया था. इसका मतलब है कि यह रिबेट सिर्फ उन्हीं आयकरदाताओं पर लागू होगा, जिनकी सालाना आय पांच लाख रुपये तक है. अगर टैक्सपेयर्स की आमदनी 5 लाख से 10 रुपये भी ज्यादा होगी तो उसे आयकर छूट की प्रारंभिक सीमा2.50 से ज्यादा की पूरी आमदनी पर टैक्स देना होगा, वह भी सेस और सरचार्ज के साथ. हालांकि, पांच लाख रुपये से ज्यादा की आमदनी वाले आयकरदाता कई तरह के निवेश के जरिये अपनी आमदनी को रिबेट के दायरे में ला सकते हैं.