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NGO के लिए फंड जुटाना हुआ आसान, बजट में सरकार का ये है बड़ा फैसला

आम बजट में सोशल स्‍टॉक एक्‍सचेंज बनाने का ऐलान किया गया है. इसके बाद अब एनजीओ के लिए फंड जुटाना आसान हो जाएगा.

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NGO के लिए फंड जुटाना हुआ आसान
NGO के लिए फंड जुटाना हुआ आसान

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सामाजिक क्षेत्र में काम करने वाले संगठनों (एनजीओ) के लिए अब फंड जुटाना आसान हो गया है. दरअसल, आम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारामण ने सोशल स्‍टॉक एक्‍सचेंज बनाने का ऐलान किया है. इसका मतलब यह हुआ कि अब एक प्राइवेट कंपनी की तरह एनजीओ भी खुद को शेयर बाजार में सूचीबद्ध कराकर फंड जुटा सकेंगी. यहां बता दें कि इस तरह के स्टॉक एक्सचेंज ब्रिटेन, कनाडा, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील और जमैका में पहले से स्थापित हैं.

क्‍या कहा वित्त मंत्री ने

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में पेश करते हुए कहा, "सामाजिक कल्याण के उद्देश्य को हासिल करने के लिए कार्य करने वाले सोशल एंटरप्राइजेस और स्वैच्छिक संगठनों को सूचीबद्ध करने के लिए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के अधीन इलेक्ट्रॉनिक फंड रेइजिंग प्लेटफॉर्म-सोशल स्टॉक एक्सचेंज बनाने के लिए कदम उठाने का प्रस्ताव है. इसके जरिए ये संगठन इक्विटी लोन या म्यूचुअल फंड की तरह यूनिट के रूप में फंड जुटा सकें."

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इसके साथ ही बजट में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के लिए अपने केवाईसी मानदंडों को निवेशकों के अधिक से अधिक अनुकूल बनाने का ऐलान किया गया है. वहीं सेबी सूचीबद्ध कंपनियों में न्यूनतम सरकारी शेयरधारिता 25 फीसदी से बढ़ाकर 35 फीसदी करने पर विचार करेगा.

खुदरा निवेशकों को क्‍या मिला?

इसके अलावा बजट में खुदरा निवेशकों का सरकार द्वारा जारी ट्रेजरी बिलों और प्रतिभूतियों में निवेश महत्वपूर्ण माना गया है. इसके लिए आरबीआई डिपॉजिटरीज और सेबी डिपॉजिटरीज के बीच तालमेल भी जरूरी है. इस वजह से ट्रेजरी बिल और सरकारी प्रतिभूतियों का आरबीआई और डिपॉजिटरी लेजर के बीच ट्रांसफर हो सकेगा. हालांकि निर्मला सीतारमण ने यह भी बताया कि आरबीआई और सेबी के साथ विचार के बाद सरकार जरूरी कदम उठाएगी.

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