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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने केंद्रीय बजट 2021 में जमाकर्ताओं, निवेशकों और करदाताओं के लाभ के लिए कई प्रस्तावों की घोषणा की है. सीतारमण ने कहा कि कर प्रणाली को लेकर करदाताओं पर न्यूनतम बोझ डालना चाहिए. हालांकि, वित्त मंत्री ने आयकर स्लैब दरों में किसी भी बदलाव की घोषणा नहीं कर करदाताओं को चौंका दिया है. उन्होंने कोविड सेस के बारे में किसी तरह के प्रस्ताव की घोषणा नहीं की है.
आइए, नजर डालते हैं बजट 2021 में पेश किए गए पांच अहम प्रस्ताव पर...
1. ब्याज पर कोई छूट नहीं, अगर पीएफ योगदान 2.5 लाख रुपये से अधिक हुआ
यदि आप 2.5 लाख रुपये से अधिक का योगदान करते हैं तो वित्त विधेयक 2021 में ब्याज पर हुई इनकम पर कर का प्रस्ताव किया गया है. सरकार ने नोटिस किया कि कुछ कर्मचारी मिली छूट का दुरुपयोग कर रहे हैं और आय पर कर छूट के लिए इस तरह के योगदान पर उपार्जित या मिले पूरे ब्याज का दावा कर रहे हैं.
बजट में कहा गया, 'उच्च आय वाले कर्मचारियों द्वारा अर्जित आय के लिए कर छूट को युक्तिसंगत बनाने की खातिर कर्मचारियों के विभिन्न भविष्य निधि के लिए 2.5 लाख के सालाना कंट्रीब्यूशन से अर्जित रिटर्न पर टैक्स छूट को रोकना प्रस्तावित है. अभी तक प्रोविडेंट फंड (PF) पर मिलने वाले रिटर्न को टैक्स से मुक्त रखा गया था.' यह प्रस्तावित परिवर्तन 1 अप्रैल 2021 से लागू होगा.
2. वरिष्ठ नागरिकों को आईटीआर दाखिल करने से छूट
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रस्ताव दिया है कि वरिष्ठ नागरिकों (75 से ऊपर) को केवल पेंशन और जमा से ब्याज आय अर्जित करने के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की आवश्यकता नहीं होगी.
प्रस्तावित बजट के अनुसार, इस तरह के लाभ केवल पेंशन पाने वालों को ही मिलेंगे. वरिष्ठ नागरिकों को लाभ मिल सकता है यदि वे उसी बैंक से ब्याज आय (इंट्रेस्ट इनकम) अर्जित कर रहे हैं जहां वे पेंशन हासिल कर रहे थे. यह बदलाव भी 1 अप्रैल, 2021 से प्रभावी होगा.
3. इनकम टैक्स सेटेलमेंट कमीशन समाप्त
वित्त मंत्री सीतारमण ने तत्काल प्रभाव से विवादित निकाय इनकम टैक्स सेटेलमेंट कमीशन को भी समाप्त कर दिया. बजट में लंबित मामलों के निपटान के लिए अंतरिम बोर्ड का प्रस्ताव किया गया है. टैक्स सेटलमेंट कमीशन एक कानूनी-न्यायिक निकाय है जो अंतहीन मुकदमेबाजी से बचने के लिए जटिल मामलों में कर देनदारियों का निपटारा करता है. यह बदलाव 1 फरवरी, 2021 से प्रभावी हो गए.
4. नॉन-फाइलर्स के लिए उच्च टीसीएस दर
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इनकम टैक्स एक्ट, 1961 में आयकर रिटर्न के नॉन-फाइलर्स को दंडित करने के लिए नए विशेष प्रावधानों का प्रस्ताव किया है. सरकार ऐसे लोगों को हतोत्साहित करना चाहती है, जिनसे पिछले दो सालों में 50 हजार रुपये या उससे अधिक का टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स (TDS) या टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स के स्रोत (TCS) के जरिए वसूला गया हो और आयकर रिटर्न फाइल करने में डिफॉल्टेड रहे हों. यह नई व्यवस्था 1 जुलाई, 2021 से प्रभावी होगी.
5. देरी से रिटर्न दाखिल करने के समय में कटौती
यदि आप टैक्स रिटर्न करने से चूक गए या इसमें फिर से संशोधन करना चाहते हैं तो आपके पास अब कम समय होगा. सरकार ने प्रस्ताव दिया है कि देरी से रिटर्न या संशोधित रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि, जैसा भी हो, तीन महीने तक कम किया गया है.
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देरी से या संशोधित रिटर्न अब संबंधित मूल्यांकन वर्ष के अंत से पहले या मूल्यांकन के पूरा होने से पहले, जो भी पहले हो, तीन महीने पहले दाखिल किया जा सकता है. यह बदलाव भी 1 अप्रैल, 2021 से प्रभावी होंगे.