नौकरी-पेशा लोगों को बजट (Budget) में सबसे ज्यादा आयकर छूट (Income Tax) को लेकर उम्मीदें रहती हैं. इस बार भी थीं. लेकिन उम्मीद पूरी नहीं हुईं. लोग पिछले आठ साल से आयकर में छूट की मांग कर रहे हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने अपने बजट भाषण में आयकर छूट को लेकर कोई ऐलान नहीं किया. सैलरीड क्लास के लिए ये सबसे बड़ा झटका है.
दरअसल, टैक्सपेयर्स (Taxpayers) लगातार 8 साल से इनकम टैक्स में छूट की उम्मीद कर रहे थे. इससे पहले साल 2014 में टैक्स के मोर्चे पर आयकरदाताओं को राहत मिली थी. टैक्सपेयर्स की मांग है कि पिछले आठ साल में बहुत बदलाव हुए हैं. महंगाई (Inflation) बढ़ी है, खर्चे बढ़े हैं. लेकिन टैक्स के मोर्चे पर राहत नहीं मिली. अब फिर एक साल तक इंतजार करना होगा. पुराने स्लैब के हिसाब से ही टैक्सपेयर्स को आयकर देना होगा.
अब एक साल का और इंतजार
बता दें, सत्ता संभालते ही मोदी सरकार (Modi Government) ने साल-2014 में पहली बार टैक्सपेयर्स को राहत दी थी. साल 2014 में आयकर छूट की सीमा 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये कर दी थी. तब वित्त मंत्री अरुण जेटली थे. जबकि 60 वर्ष से ज्यादा और 80 वर्ष से कम उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को टैक्स छूट की सीमा 2.5 लाख से रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दी गई थी.
हालांकि बजट- 2020 में केंद्र सरकार ने एक नई टैक्स व्यवस्था पेश की है. नई टैक्स व्यवस्था के तहत, टैक्स छूट और कटौती को छोड़ने के इच्छुक लोगों के लिए टैक्स की दरें कम कर दी गई हैं. नई टैक्स व्यवस्था के तहत 2.5 से 5 लाख के बीच की आय पर 5 प्रतिशत की दर से टैक्स लगता है. पुरानी व्यवस्था के तहत 5 लाख से 7.5 लाख तक की पर्सनल इनकम पर 20 प्रतिशत की दर से टैक्स लगाया जाता है, जबकि नई व्यवस्था के तहत टैक्स की दर 10 फीसदी है. वहीं पुरानी व्यवस्था में 7.5 लाख से 10 लाख के बीच की आय पर 20 प्रतिशत की दर से कर लगता है, जबकि नई व्यवस्था में कर की दर 15 फीसदी है.
नया आयकर स्लैब (New Tax Slab):
0 से 2.5 लाख तक- 0%
2.5 से 5 लाख तक- 5%
5 लाख से 7.5 लाख तक-10%
7.50 लाख से 10 लाख तक- 15%
10 लाख से 12.50 लाख तक- 20%
12.50 लाख से 15 लाख- 25%
15 लाख ऊपर आमदनी पर- 30 फीसदी
पुराना आयकर स्लैब (Old Tax Slab):
2.5 लाख तक- 0%
2.5 लाख से 5 लाख तक- 5%
5 लाख से 10 लाख तक- 20%
10 लाख से ऊपर- 30%