23 जुलाई यानी कल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश का बजट पेश करेंगी. बजट से एक दिन पहले आजतक लाइव टीवी पर एक्सपर्ट्स के एक पैनल को आमंत्रित किया गया था, जिसमें पूर्व बीजेपी सांसद और पूर्व एविएशन मंत्री जयंत सिंहा, नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष राजीव कुमार, इकोनॉमिक के पूर्व प्रोफेसर अरुण कुमार, पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग और अर्थशास्त्री गौरव वल्लभ शामिल रहे. इन्होंने कल पेश होने वाले बजट में अपनी-अपनी राय रखी. आइए जानते हैं इन्हें बजट में क्या-क्या ऐलान होने की उम्मीद लगती है?
जयंत सिन्हा ने कहा कि बजट में इकोनॉमी पर फोकस रह सकता है. देश की अर्थव्यवस्था 7 से 9 फीसदी के बीच की रफ्तार से बढ़ते रहने का अनुमान है. अरुण कुमार ने कहा कि बजट में असंगठित सेक्टर पर फोकस रखना जरूरी है. इनकी आमदनी कम होती है तो अर्थव्यवस्था पर प्रभाव होता है, इसलिए असंगठित क्षेत्र पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है.
गौरव वल्लभ ने कहा कि पूरे देश में सिर्फ भारत एक ऐसा देश है जो हाई ग्रोथ और लो इन्फेशन पर खड़ा है. लेबर फोर्स को और बढ़ाना चाहिए. इस बजट में ग्रीन और ब्लू इकोनॉमी पर फोकस हो सकता है. महंगाई को और कम करने का और प्रयास हो सकता है. टमाटर और अन्य सब्जियों के दाम कम करने पर ध्यान देने की जरूरत है.
कैसे होगा देश विकसित?
सुभाष चंद्र ने कहा कि भारत सबसे ज्यादा रेट पर ग्रो कर रहा है. दुनिया की आधी इकोनॉमी जैसे अमेरिका, जापान और चीन तक ये ग्रो कर चुके हैं, लेकिन भारत को अभी ग्रोथ की जरूरत है. हम पिछले 60 साल में ग्रो नहीं हुए हैं. अभी 6 से 7 फीसदी की ग्रोथ विकसित होने के लिए काफी नहीं है. अभी रोजगार पर ध्यान देने की जरूरत है. अभी चीन से तुलना करें तो हम 8 से 9 फीसदी की गति से ग्रोथ करेंगे. भारत का बाजार तभी विकसित होगा, जब चारों तरफ से ध्यान दिया जाए.
सुभाष चंद्र ने कहा कि कृषि और माइक्रो सेक्टर में जबतक इनकम नहीं बढ़ेगी तबतक हम विकसित राष्ट्र नहीं बनेगे. जीएसटी कलेक्शन में सुधार के लिए भी ऐलान किए जा सकते हैं.
एक्सपर्ट्स ने कहा कि इनकम टैक्स में हर बार बदलाव करना ज्यादा अच्छा नहीं होगा. कैपिटल गेन टैक्स में बदलाव हो सकता है. अगर हमे विकसित राष्ट्र बनना है तो 8 से 9 प्रतिशत से ग्रो करना होगा. किसानों की इनकम बढ़ाना जरूरी है. मर्चेंटेजाइस इकोनॉमी बढ़ाने पर फोकस हो सकता है. अभी भी इनडायरेक्ट टैक्स जीएसटी रेशियो पहले जैसा नहीं है.
राजकोषीय घाटा कम कैसे होगा?
राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए तीन चीजें बहुत जरूरी है. पहला निवेश का है, इज ऑफ डूइंग पर ध्यान दिया जाए तो काम करेगा. स्किल डेवेलपमेंट ऑफ एजुकेशन पर ध्यान देने की आवश्यकता है. सरकार की तरफ से कैपिटल एक्सपेंडेचर पर भी ध्यान देना आवश्यक है. फिजिकल और डिजिटल इंफ्रा पर भी ध्यान देना जरूरी है. इससे रोजगार भी बढ़ेगा और अर्थव्यवस्था भी बेहतर होगी.
आम आदमी को राहत देनी चाहिए
एकसपर्ट ने कहा कि प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को सभी वर्ग पर ध्यान देना आवश्यक है. डायरेक्ट टैक्स के 9 करोड़ लोगों में से ज्यादातर सैलरी वाले हैं. ऐसे में टैक्स में छूट देनी चाहिए. इसके अलावा पॉकेट इनकम बढ़ाना चाहिए. इसबार सरकार इसे लेकर पॉजिटिव है और इसे और ज्यादा बढ़ाने की जरूरत है.