वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कल जब आम बजट 2021-22 में स्क्रैप पॉलिसी की घोषणा की तो लोगों को लगा कि अब ई-व्हीकल को लेकर भी कुछ बात होगी. लेकिन ई-व्हीकल का मुद्दा उनके बजटीय भाषण से गायब रहा. फेम इंडिया के बजट में भी सरकार ने मामूली बढ़त की है.
कितना बढ़ा फेम-इंडिया का बजट
देश में ई-व्हीकल अपनाने और विनिर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने फेम इंडिया योजना की शुरुआत की थी. वर्तमान में इस योजना का दूसरा चरण चल रहा है. इस साल बजट में इसके लिए 756.66 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. जबकि पिछले बजट 2020-21 में इसके लिए 692.94 करोड. रुपये आवंटित किए गए थे. इस प्रकार देखा जाए तो सरकार ने फेम इंडिया के बजट में लगभग 65 करोड़ रुपये का ही इजाफा किया है.
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ई-मोबिलिटी प्लान को लेकर कोई बात नहीं
सरकार का लक्ष्य 2030 तक देश को पूरी तरह ई-वाहन पर दौड़ने वाली अर्थव्यवस्था बनाना है. लेकिन बजट में राष्ट्रीय ई-मोबिलिटी मिशन को लेकर कोई विशेष उल्लेख नहीं किया गया है. इस मिशन का लक्ष्य 2020 के बाद से हर साल 60 से 70 लाख ई-वाहनों की बिक्री को प्रोत्साहित करना है. इसी के लिए सरकार ने फेम इंडिया योजना शुरू की है.
ऑटोपार्ट्स, बैटरी पर बढ़ी कस्टम ड्यूटी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में लिथियम-आयन बैटरी और बैटरी पैक पर कस्टम ड्यूटी को शून्य से बढ़ाकर 2.5% कर दिया है. वहीं वाहन कलपुर्जों पर भी कस्टम ड्यूटी 10% से बढ़ाकर 15% कर दी गई है. इससे इलेक्ट्रिक वाहनों की लागत बढ़ने का अनुमान है. ऐसे में इलेक्ट्रिक वाहन और महंगे हो सकते हैं जिससे लोग इसे अपनाने में हिचकेंगे.
ई-मोबिलिटी इन्फ्रास्ट्रक्चर पर बड़ी घोषणा नहीं
बजट में ई-मोबिलिटी के इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के लिए कोई नई विशेष योजना नहीं पेश की गई है. जबकि ई-मोबिलिटी यानी इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए चार्जिंग इन्फ्रास्टक्चर को बढ़ावा देने की जरूरत है. सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम EESL ने चालू वित्त वर्ष में 2000 चार्जिंग स्टेशन बनाने का लक्ष्य रखा है, उसकी वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक अभी तक उसने 92 पब्लिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए हैं. हालांकि विभिन्न सरकारी दफ्तरों इत्यादि में उसने लगभग विभिन्न सरकारी दफ्तरों इत्यादि में उसने लगभग 500 चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए हैं.
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