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Union Budget 2023: अमृतकाल क्या है? वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में 9 बार किया इसका जिक्र

वित्त मंत्री का इस साल का बजट भाषण लगभग 87 मिनट का था, जोकि पिछले साल के भाषण से करीब 3 मिनट कम था. वित्त मंत्री ने अपने संबोधन में 9 बार अमृत काल का जिक्र किया. इस दौरान उन्होंने जोर देकर कहा कि ये बजट महिलाओं, नौजवान और अल्पसंख्यक समाज के लिए अमृत काल साबित होगा.

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण बजट पेश किया. इस दौरान उन्होंने अपने भाषण में कहा, "अमृत काल में यह पहला बजट है. उन्होंने अपने भाषण के दौरान कई बार अमृत काल का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि हम एक समृद्ध और समावेशी भारत की कल्पना करते हैं जिसमें विकास का फल सभी तक पहुंचे. भारतीय अर्थव्यवस्था सही रास्ते पर है और उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ रही है. विश्व स्तरीय डिजिटल बुनियादी ढांचे और सीमावर्ती क्षेत्रों में सक्रिय भूमिका के कारण भारत की वैश्विक प्रोफ़ाइल बढ़ रही है.

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वित्त मंत्री का इस साल का बजट भाषण लगभग 87 मिनट का था, जोकि पिछले साल के भाषण से करीब 3 मिनट कम था. वित्त मंत्री ने अपने संबोधन में 9 बार अमृत काल का जिक्र किया. इस दौरान उन्होंने जोर देकर कहा कि ये बजट महिलाओं, नौजवान और अल्पसंख्यक समाज के लिए अमृत काल साबित होगा. इसके अलावा पीएम गति शक्ति के जरिए इंनफ्रास्ट्रक्चर में निवेश को बढ़ाने पर फोकस रहेगा और  ऊर्जा के क्षेत्र में बदलाव की ओर हमने कदम बढ़ा दिए गए हैं.

अमृत काल क्या है?

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2021 में 75वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान पहली बार "अमृत काल" शब्द का इस्तेमाल किया था. उन्होंने अगले 25 वर्षों के लिए भारत के लिए एक नया रोडमैप तैयार करते हुए अमृत काल का उपयोग किया था. अमृत काल का उद्देश्य भारतीयों के जीवन को बेहतर बनाना और गांवों और शहरों के बीच विकास की खाई को पाटना है. इसका उद्देश्य नवीनतम तकनीक और डिजिटलीकरण की शुरुआत करना और सार्वजनिक जीवन में सरकारी हस्तक्षेप को कम करना है.

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पीएम मोदी ने कहा था, "जैसे भारत ने तेजी से प्रगति की है, विकास की 'संतृप्ति' होनी चाहिए और हर गांव में सड़कें होने के साथ 100 प्रतिशत उपलब्धियां होनी चाहिए, हर परिवार के पास बैंक खाता हो, हर पात्र व्यक्ति के पास स्वास्थ्य बीमा कार्ड और गैस कनेक्शन हो." उन्होंने इस अवधि को ''मेहनत, त्याग और तपस्या की पराकाष्ठा'' बताते हुए कहा था कि सैकड़ों वर्षों की गुलामी में हमारे समाज ने जो खोया है, उसे वापस पाने के लिए यह 25 साल की अवधि है.

वैदिक ज्योतिष से निकला अमृत काल शब्द

गौरतलब है कि अमृत काल शब्द की उत्पत्ति वैदिक ज्योतिष में हुई है. अमृत काल वह महत्वपूर्ण समय है जब अमानवीय, देवदूतों और मनुष्यों के लिए अधिक से अधिक सुख के द्वार खुलते हैं. अमृत काल को नया काम शुरू करने के लिए सबसे अच्छा और सबसे शुभ मुहूर्त माना जाता है.

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