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जानिए क्या है Economic Survey, बजट से पहले क्यों होता है पेश

Economic Survey एक फाइनेंशियल डॉक्युमेंट होता है. इसमें पिछले एक वित्त वर्ष के दौरान भारत के आर्थिक विकास की समीक्षा की जाती है. इसके लिए विभिन्न सेक्टर्स, इंडस्ट्री, एग्रीकल्चर, इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन, रोजगार, महंगाई, एक्सपोर्ट जैसे डेटा का सहारा लिया जाता है.

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Economic Survey
Economic Survey
स्टोरी हाइलाइट्स
  • CEA के गाइडेंस में तैयार होता है इकोनॉमिक सर्वे
  • चालू वित्त वर्ष की इकोनॉमिक ग्रोथ का होता है रिव्यू

वित्त मंत्रालय 31 जनवरी, 2022 को फाइनेंशियल ईयर 2021-22 की आर्थिक समीक्षा (इकोनॉमिक सर्वे) जारी करेगा. इस बात की उम्मीद की जा रही है कि इस इकोनॉमिक सर्वे (Economic Survey 2021-22) में अगले फाइनेंशियल ईयर (2022-23) में करीब 9 फीसदी के ग्रोथ रेट का अनुमान लगाया जाएगा. पिछले साल की आर्थिक समीक्षा में चालू वित्त वर्ष के लिए 11 फीसदी की विकास दर का अनुमान लगाया गया था. इन बातों को सुनकर आप भी यह सोच रहे होंगे कि आखिर आर्थिक समीक्षा क्या होती है जिसको लेकर लोग इतना अधिक बात करते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि आर्थिक समीक्षा क्या होती हैः

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क्या होती है आर्थिक समीक्षा (What is the Economic Survey)
इकोनॉमिक सर्वे एक फाइनेंशियल डॉक्युमेंट होता है. इसमें पिछले एक वित्त वर्ष के दौरान भारत के आर्थिक विकास की समीक्षा की जाती है. इसके लिए विभिन्न सेक्टर्स, इंडस्ट्री, एग्रीकल्चर, इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन, रोजगार, महंगाई, एक्सपोर्ट जैसे डेटा का सहारा लिया जाता है. आर्थिक समीक्षा इन डेटा के विस्तृत एनालिसिस पर आधारित होती है. इसमें मनी सप्लाई और फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व जैसे अन्य पहलुओं पर भी गौर किया जाता है, जिनका असर भारत की इकोनॉमी पर पड़ता है.

बजट से पहले इकोनॉमिक सर्वे किया जाता है पेश
संसद में केंद्रीय बजट पेश किए जाने से एक दिन पहले इकोनॉमिक सर्वे रिलीज किया जाता है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी, 2022 को फाइनेंशियल ईयर 2022-23 का बजट संसद में पेश करेंगी.

कौन तैयार करता है आर्थिक समीक्षा (Who Prepares Economic Survey)
वित्त मंत्रालय के तहत काम करने वाले डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स के इकोनॉमिक्स डिविजन द्वारा सर्वे तैयार किया जाता है. इसे चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर (CEA) के गाइडेंस में तैयार किया जाता है. हालांकि, वित्त मंत्री की मंजूरी के बाद ही इसे रिलीज किया जाता है. 

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हालांकि, इस बार का इकोनॉमिक सर्वे चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर की गैर-मौजूदगी में प्रिंसिपल इकोनॉमिक एडवाइजर और अन्य अधिकारियों द्वारा तैयार किया जा रहा है. इसकी वजह यह है कि इससे पहले के सीईए केवी सुब्रमण्यम का तीन साल का कार्यकाल 6 दिसंबर को समाप्त हो गया था.

कितना अहम होती आर्थिक समीक्षा
इकोनॉमिक सर्वे या आर्थिक समीक्षा को वित्त मंत्रालय का महत्वपूर्ण वित्तीय दस्तावेज माना जाता है. इसे चालू वित्त वर्ष को लेकर केंद्र सरकार की रिपोर्ट के तौर पर भी देखा जाता है. इससे एक वित्त वर्ष में देशभर में हुए आर्थिक विकास की एक तस्वीर सामने आती है. इसमें ना सिर्फ पिछले वित्त वर्ष के मैक्रोइकोनॉमिक सिचुएशन को एनालाइज किया जाता है बल्कि इससे अगले वित्त वर्ष की दिशा को लेकर भी जानकारी मिलती है. 

कब पेश हुआ था भारत का पहला इकोनॉमिक सर्वे
भारत का पहला इकोनॉमिक सर्वे 1950-51 में पेश किया गया था. वर्ष 1964 तक इसे केंद्रीय बजट के साथ पेश किया जाता था. 1964 से इसे बजट से अलग कर दिया गया. 

बजट से पहले क्यों पेश की जाती है आर्थिक समीक्षा
इकोनॉमिक सर्वे में चालू वित्त वर्ष के परफॉर्मेंस का रिव्यू किया जाता है. ऐसे में इससे केंद्रीय बजट को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलती है. सर्वे से देश को अगले वित्त वर्ष की प्राथमिकताएं तय करने में मदद मिलता है. 

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